देश के युवाओं में बढ़ा दिल की बीमारी का खतरा: डॉक्टर आरके जसवाल

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Published : May 14, 2022, 7:02 PM IST

Cardiologist Dr RK Jaswal

डॉक्टर आरके जसवाल ने कहा कि अब दिल की बीमारियों में नई तकनीक से इलाज करने में काफी सफलता मिली है और हर बीमारी में स्टंट डालने (Increased risk of heart disease in youth) की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में फ्रेक्शनल फ्लो रिजर्व की तकनीक का उपयोग करके मरीजों का सफल तरीके से इलाज किया जा रहा है.

कुल्लू: देश में अब युवा भी दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं और 28% युवा उच्च रक्तचाप की बीमारी से जूझ रहे हैं. जिनका दवा के माध्यम से एक इलाज किया जा रहा है. ऐसे में (Increased risk of heart disease in youth) दिल की बीमारियों से बचने के लिए अब लोगों को अपना लाइफस्टाइल बदलना होगा और स्वास्थ्य के प्रति भी काफी सजग रहना होगा. यह बात कुल्लू पहुंचे कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आरके जसवाल ने कही.

डॉक्टर आरके जसवाल (Cardiologist Dr RK Jaswal) ने कहा कि अब दिल की बीमारियों में नई तकनीक से इलाज करने में काफी सफलता मिली है और हर बीमारी में स्टंट डालने की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में फ्रेक्शनल फ्लो रिजर्व तकनीक (Fractional Flow Reserve Technique) का उपयोग करके मरीजों का सफल तरीके से इलाज किया जा रहा है. मोहाली में निजी अस्पताल में कार्डियोलॉजी टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. आरके जसवाल ने कहा कि फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या हृदय रोगी को स्टंट या बाईपास सर्जरी की आवश्यकता है या उपचार के दौरान केवल दवाएं दी जानी चाहिए.

इस प्रोसीजर को संकुचित धमनी के अंदर डाले गए एक प्रेशर वायर द्वारा किया जाता है और रुकावट के कारण धमनी में रक्त के प्रवाह में वास्तविक कमी का आकलन करता है. डॉक्टर जसवाल ने बताया की एफएफआर के साथ, सभी रोगियों में से लगभग 25-30 प्रतिशत अन्यथा उनके एंजियोग्राफी परिणामों के आधार पर स्टंटिंग के लिए उम्मीदवार हैं मेडिकल उपचार पर समाप्त होते हैं. इसलिए, अनावश्यक स्टंटिंग से बचना चाहिए और बेहतर दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त करने चाहिए.

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