Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत कल, महिलाएं बाजार में कर रही हैं खरीदारी

author img

By

Published : May 18, 2023, 9:08 AM IST

Updated : May 18, 2023, 11:33 AM IST

Vat Savitri Vrat 2023

Vat Savitri Vrat 2023 : विवाहित महिलाएं पति के स्वस्थ जीवन और दीर्घायु होने की कामना के साथ हर साल वट सावित्री व्रत करती हैं. इसके लिए महिलाएं तैयारी कर रही हैं. पढ़ें पूरी खबर..

नई दिल्ली: विवाहित महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के लिए हर साल वट सावित्री व्रत करती हैं. पूरे धार्मिक आस्था और रीति-रिवाज के साथ महिलाएं यह व्रत करती हैं. इस साल यह व्रत कल यानि कल यानि शुक्रवार 19 मई 2023 को है. व्रत के लिए महिलाएं अपने परिवार के साथ बाजार में जमकर खरीदारी कर रही हैं.

वट सावित्री पूजन की मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में पीपल की तरह बरगद, जिसे वट भी कहा जाता है. वट सावित्री व्रत के दौरान महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने के लिए शोभन योग में वट वृक्ष की पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना करती हैं. मान्यता है कि इसी दिन वट वृक्ष की पूजा कर सावित्री ने पति सत्यवान की यमराज से प्राणों की रक्षा करने में सफलता पाईं थीं. इसके बाद से महिलाएं पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री पूजन करती हैं.

इन राज्यों में वट सावित्री का होता है पूजन
पहले वट सावित्री पूजन बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब के चुनिंदा परिवारों में मनाया जाता था. टीवी और मोबाइल पर इस व्रत के बारे में प्रचार-प्रसार के बाद से देश के अन्य राज्यों में व्रतियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शहरी वर्ग ही नहीं अब ग्रामीण क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में महिलाएं वट सावित्री पूजन करती हैं. वट के पेड़ों की पर्याप्त उपलब्धता नही होने के कारण कई जगहों पर महिलाएं वट के डंठल या गमले में छोटे पौधे की पूजा करती हैं.

वट सावित्री पूजा में वट और सावित्री, दोनों का काफी महत्व है. माना जाता है कि वट के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश. तीनों देवताओं का वास होता है. वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं सुबह घर की साफ-सफाई कर नये कपड़े पहन कर पूजन के लिए तैयारी करती हैं. इस दौरान पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में भर कर वट वृक्ष के पास जाती हैं.

वहां महिलाएं धूम-धूमकर रक्षा सूत्र (मौली) बांधती हैं. हर बार परिक्रमा के दौरान महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं. इस दौरान वट के पेड़ को जल से सींचा जाता है और पान-प्रसाद को चढ़ाया जाता है. इसके बाद महिलाएं अपने घर में पूजा घर में पूजन करती हैं. सास सहित परिवार के अन्य वरिष्ठ सदस्यों को प्रणाम कर आशीर्वाद लेती हैं.

ये भी पढ़ें-यहां होती है भगवान शिव के पुत्र की अस्थियों की पूजा, उत्तर-दक्षिण भारत के मिलन का केंद्र बनेगा यह स्थल

Last Updated :May 18, 2023, 11:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.