IPL 2023: मैच से पहले इस मंदिर में पूजा है जरूरी, वरना बरपेगा 'इंद्रुनाग' का कहर !, पढ़ें दिलचस्प कहानी

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Published : May 15, 2023, 6:30 PM IST

Updated : May 15, 2023, 8:23 PM IST

मैच से पहले की जाती है इंद्रुनाग देवता की पूजा

मैच के दौरान अपनी पसंदीदा टीम को जिताने के लिए पूजा और हवन करना नया नहीं है. लेकिन देश में एक क्रिकेट स्टेडियम ऐसा भी है जहां मैच करवाने से पहले एक स्थानीय देवता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा ना करने पर आसमान से ऐसी आफत बरसती है कि मैच का आयोजन नहीं हो पाता. आखिर क्या है पूरा माजरा ? जानने के लिए पढ़ें

कहानी इंद्रुनाग देवता की

धर्मशाला : भारत में क्रिकेट धर्म है और खिलाड़ी भगवान, ये बात किसी से छिपी नहीं है. टीम को जिताने के लिए यहां पूजा-पाठ, हवन यज्ञ होना कोई नई बात नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का एक स्टेडियम ऐसा भी है जहां मैच का सफल आयोजन करवाने से पहले पूजा पाठ करनी पड़ती है. ये स्टेडियम है हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला का HPCA स्टेडियम, जहां मैच के सफल आयोजन के लिए देवता इंद्रुनाग की पूजा की जाती है. कौन हैं ये देवता ? यहां क्यों की जाती है पूजा और क्या है मान्यता, आपको हर बात का जवाब मिलेगा लेकिन पहले जानिये कि...

बारिश के देवता माने जाते हैं इंद्रुनाग
बारिश के देवता माने जाते हैं इंद्रुनाग

धर्मशाला में मैच कब है- क्रिकेट लवर्स पर इन दिनों आईपीएल की खुमारी छाई हुई है. आईपीएल का कारवां अपने अंतिम चरण की ओर पहुंचने वाला है. इस बीच 17 और 19 मई को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भी दो मैच खेले जाने हैं. ये पंजाब किंग्स इलेवन का दूसरा होम ग्राउंड है. पंजाब की टीम 17 मई को डेल्ही कैपिटल्स और 19 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैदान में उतरेगी. इस ग्राउंड पर करीब 10 साल के बाद कोई मैच खेला जा रहा है. ऐसे में मैच के सफल आयोजन से पहले एचपीसीए के अधिकारियों ने इंद्रुनाग देवता के मंदिर में पूजा और हवन के साथ-साथ कन्या पूजन भी किया है.

कौन हैं देवता इंद्रुनाग- धर्मशाला से करीब 9 किलोमीटर दूर खनियारा नाम की जगह है. जहां देवता इंद्रुनाग का मंदिर है. ये स्थानीय देवता बारिश के देवता इंद्र के प्रतिनिधि माने जाते है और इस इलाके में इनकी काफी मान्यता है. पहले फसल की बुवाई के दौरान बारिश या अच्छे मौसम के लिए लोग इंद्रुनाग मंदिर में पूजा करते थे. धीरे-धीरे घर बनाने से लेकर शादी ब्याह या अन्य सामाजिक समारोह और अब क्रिकेट मैचों के सफल आयोजन के लिए भी देवता इंद्रुनाग की पूजा की जाती है.

इंद्र भगवान के प्रतिनिधि माने जाते हैं इंद्रुनाग
इंद्र भगवान के प्रतिनिधि माने जाते हैं इंद्रुनाग

देवता इंद्रुनाग की कहानी- देवता इंद्रुनाग मंदिर का इतिहास सालों पुराना है. हालांकि ग्रामीण और मंदिर के पुजारी सिर्फ इतना ही जानते हैं कि यहां कभी एक वान के वृक्ष के नीचे भगवान के पदचिन्ह मिले थे. जिसके बाद चंबा के राजा ने यहां पहुंचकर दर्शन किए. कहते हैं कि राजा की कोई संतान नहीं थी और फिर देवता इंद्रुनाग ने राजा को सपने में आकर संतान प्राप्ति का वरदान दिया. एक साल बाद राजा अपने पुत्र के साथ यहां पहुंचा. राजा ने यहां इंद्रुनाग देवता का मंदिर बनवाया और आस-पास की जमीन मंदिर के नाम कर दी. जिसके बाद से भक्त अपनी मनोकामना लेकर मंदिर में पहुंचते हैं और पूजा पाठ, हवन करते हैं. मान्यता है कि देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं.

क्या कहते हैं HPCA के अधिकारी- धर्मशाला का एचपीसीए स्टेडियम दुनिया के सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियमों में शुमार है. ये स्टेडियम साल 2003 में बनकर तैयार हुआ था. जहां घरेलू मुकाबलों के बाद इंटरनेशनल और आईपीएल के मैच खेले जा चुके हैं. हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर संजय शर्मा कहते हैं कि "इंद्रुनाग देवता की विशेष कृपा इस इलाके पर रही है, वो भगवान इंद्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिये हम हर साल मंदिर में जाकर पूजा अर्चना, हवन करते हैं और देवता के प्रार्थना करते हैं कि आने वाले समय में कोई भी मैच बारिश या मौसम से प्रभावित ना हो."

मैच से पहले की जाती है इंद्रुनाग देवता की पूजा
HPCA स्टेडियम में मैच से पहले की जाती है इंद्रुनाग देवता की पूजा

बारिश की भेंट चढ़ गए थे इंटरनेशनल मैच- 15 सितंबर 2019 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 इंटरनेशनल मैच होना था लेकिन भारी बारिश के कारण मैच शुरू भी नहीं हो पाया. 12 मार्च 2020 को एक बार फिर इस ग्राउंड को वनडे मैच की मेजबानी मिली. इस बार भी मुकाबला टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच था. लेकिन मौसम ने इस बार भी क्रिकेट प्रेमियों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

एचपीसीए के डायरेक्टर संजय शर्मा के मुताबिक "शुरुआत में बारिश से मैच में बाधा पड़ने के बाद स्थानीय मान्यताओं के आधार पर हर साल एचपीसीए की ओर से इंद्रुनाग देवता की पूजा की जाती है." दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धुले दोनों मैचों पर संजय शर्मा कहते हैं कि "उस दौरान सिर्फ धर्मशाला ही नहीं उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश का अनुमान था. जिसके कारण सीरीज के दूसरे मुकाबलों में भी बारिश ने खलल डाला था. लेकिन स्थानीय मान्यताओं के आधार पर जबसे हम इंद्रुनाग देवता की पूजा करते हैं तबसे अधिकतर मुकाबले बिना किसी बाधा के पूरे हुए हैं."

कांगड़ा जिले के खनियारा में इंद्रुनाग देवता का मंदिर
कांगड़ा जिले के खनियारा में इंद्रुनाग देवता का मंदिर

क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी- इंद्रुनाग मंदिर के पुजारी विपन के मुताबिक मंदिर काफी पुराना है. चंबा के राजा की मनोकामना पूरी होने के बाद इस मंदिर में लोगों की आस्था बढ़ी. खेती बाड़ी का काम हो या घर में शादी समारोह हर तरह के काम में मौसम की बहुत अहम भूमिका होती है और लोग मंदिर में पहुंचकर इन कार्यों के दौरान मौसम साफ रखने की अर्चना देवता इंद्रुनाग से करते हैं. पुजारी विपन बताते हैं कि "मौसम साफ रखने की मनोकामना करने वाले यहां विशेष पूजा करते हैं जिसमें सूखे चने देवता को अर्पित किए जाते हैं ताकि मौसम सूखा बना रहे."

पुजारी विपन बताते हैं कि "श्रद्धालु जैसी मांग करते हैं उनके कार्यों के दौरान मौसम वैसा ही बना रहता है. हमने ऐसा भी देखा है कि जिन घरों में धाम (शादी के दौरान खान-पान) होती थी उन घरों के आंगन में एक तरह मौसम साफ और दूसरी तरफ बारिश होती है. एचपीसीए के अधिकारी भी अब यहां आते हैं विशेष पूजा अर्चना करते हैं ताकि धर्मशाला स्टेडियम में होने वाले मैच के दौरान मौसम अच्छा बना रहे."

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Last Updated :May 15, 2023, 8:23 PM IST
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