21वीं सदी का पनघट: एक किलोमीटर दूर कुएं से पानी भरने जाती हैं इस गांव की महिलाएं
Updated on: Dec 19, 2022, 11:56 AM IST

21वीं सदी का पनघट: एक किलोमीटर दूर कुएं से पानी भरने जाती हैं इस गांव की महिलाएं
Updated on: Dec 19, 2022, 11:56 AM IST
पानीपत के शाहपुर गांव में पानी की समस्या (Water Problem Shahpur Village Of Panipat) की चलते यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण एक किलोमीटर दूर सदियों पुराने कुएं से पानी लाने को मजबूर हैं.
पानीपत: हर ग्राम निर्मल ग्राम का वादा करने वाली हरियाणा सरकार यह दावा शाहपुर गांव में फेल साबित हो रहा है. कारण गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आज 21वीं सदी में भी यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. पानीपत के शाहपुर गांव (Shahpur Village Of Panipat) के लोगों को लगभग 1 किमी. दूर जाकर कुएं से पानी भरकर लाना पड़ता है. तस्वीर साफ बयां कर रही है पनघट कि ओर जाती महिलाएं 19वीं सदी की महिलाएं नहीं बल्कि 21वीं सदी की पढ़ी-लिखी ग्रेजुएट महिलाएं हैं. जो इस गांव में आकर 19 वीं सदी का जीवन व्यतीत कर रही है.
पुराने दिन आते हैं याद- आज भी गांव की महिलाएं इस कुएं पर जब पानी भरने आती हैं तो उनके सिर पर मटके रखे होते हैं. कुएं पर पुरानी पंरपरा के अनुसार रस्सी से बाल्टी बांध कर कुएं में डाली जाती है. पानी भरने के बाद इसे खींचा जाता है. इसके बाद इससे मटके भरे जाते हैं. देखने पर यह नजारा पुराने दिनों की याद दिलाता है.
गांव में नहीं है पानी की सप्लाई- पूरे शाहपुर गांव में पीने का पानी की सप्लाई नहीं (No supply of drinking water in Shahpur village) है. गांव के घरों में जो पानी आता है वह पीने योग्य नही है इसीलिए इस गांव के लोगो को पीने का पानी लेने के लिए गांव से एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
गांव की महिलाओं का कहना है कि पीने का पानी घर से काफी दूर लेकर जाने के लिए उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार तो पानी के लेने के चक्कर में उनके घर के जरूरी काम छूट जाते है. यही नहीं कई बार तो इस कारण बच्चे को भी स्कूल जाने मे देरी हो जाती है.
गांव में पानी की व्यवस्था नहीं- गांव में मौजूद महिलाओं ने कहा कि हमारे दादा के समय से लगभग 100 साल बीतने को है. आज भी पानी इसी कुएं से भर रहे हैं. गांव में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. महिलाओं ने कहा कि इस पानी से ही हमारा जीवन चल रहा है. वहीं कई बुजुर्ग महिलाएं जिनकी उम्र लगभग 50-60 साल के आस-पास की है. उनका कहना है कि जब से हम पैदा हुए हैं तब से हम पानी इसी कुएं से भर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जवानी से बुढ़ापा आ गया लेकिन यहां पानी नहीं आया.
ये भी पढ़ें-नूंह में नौकरी दिलाने के नाम पर 3 युवकों से लाखों की ठगी, न जॉब दे रहे ना ही पैसे
गांव वालों ने की ये मांग- स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार व प्रशासन के द्वारा कई बार यहां ट्यूबल लगाए गए हैं लेकिन हर बार पानी खराब आता है. इस कुएं का पानी इतना निर्मल और स्वच्छ है कि सभी आरओ फेल हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गांव में पानी की व्यवस्था की जाए. बहरहाल कई सदियों पुराना यह कुआं गांव की आस्था का प्रतीक बन चुका लोगो के लिये जीवनदाई भी बन चुका है. क्योंकि इस कुएं के अलावा गांव में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं है.
