Cyber Fraud in Rohtak: गूगल पर नंबर सर्च करना रिटायर्ड कर्नल को पड़ा महंगा, पल भर में 4 लाख 88 हजार की ठगी

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Published : Jan 25, 2023, 8:19 PM IST

cyber fraud in rohtak

साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए आए दिन अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं. हरियाणा के रोहतक में साइबर ठगी का एक नया ही मामला सामने आया है. दरअसल रिटायर्ड कर्नल जसबीर बलहारा ने अमेजॉन से कुछ सामान मंगवाया था और इसे रिटर्न करने के लिए उन्होंने गूगल से नंबर सर्च किया. गूगल से नंबर लेना उन्हें काफी भारी पड़ गया. उनकी सालों की गाढ़ी कमाई (cyber fraud in rohtak) एक पल में लुट गई.

रोहतक: साइबर ठगों ने गूगल पर हजारों फर्जी कस्टमर केयर नंबर डाले हैं. आप जैसे ही इन नंबरों को असली समझकर कॉल करते हैं और ओटीपी नंबर शेयर करते हैं, तो ये आपके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी कैंपस में रहने वाले एक रिटायर्ड कर्नल को गूगल पर नंबर सर्च कर कॉल करना महंगा साबित हुआ. साइबर ठग ने धोखाधड़ी कर उसके बैंक अकाउंट से 4 लाख 88 हजार 888 रुपये निकाल लिए. साइबर पुलिस स्टेशन रोहतक में बुधवार को इस संबंध में केस दर्ज कर लिया गया.

क्या है पूरा मामला?: महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी कैंपस में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल जसबीर बलहारा ने अमेजॉन के जरिए कुछ सामान मंगवाया था. इस सामान की वापसी के लिए गूगल पर अमेजॉन का नंबर सर्च किया. वहां मिले एक नंबर पर कॉल की तो कोई जवाब नहीं मिला. फिर कुछ देर बाद एक नंबर से कॉल आई. जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को अमेजॉन का अधिकारी बताया और कहा कि उनकी पेमेंट तैयार है. फिर क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करने के लिए कहा. जसबीर बलहारा ने ये एप डाउनलोड कर ली.

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कस्टमर केयर के नाम पर ठगी.

इसके बाद कॉल करने वाले ने एप खोलकर 3 बार मंजूरी देने और एक नंबर पर डायल कर कॉल करने को कहा. बलहारा ने वैसा ही किया. फिर पंजाब नेशनल बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के अकाउंट की डिटेल मांगी. रिटायर्ड कर्नल ने सारी डिटेल दे दी. इसके बाद बलहारा के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट से 2 लाख रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक के अकाउंट से 2 लाख 88 हजार 88 रुपये कट गए. अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास होने पर जसबीर बलहारा ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी.

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भूल कर भी न करें ये काम.

एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसएचओ कुलदीप सिंह कहा कि किसी भी अंजान कॉल पर अपनी कोई भी बैंक की जानकारी शेयर न करें. कभी भी गूगल सर्च पर कम्पनी का नंबर ना ढूंढें. गूगल पर दिए नंबरों की पहले जांच कर लें. ठगी का शिकार होने पर तुरंत साइबर सेल को सूचित करें.

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साइबर ठगी से बचने के तरीके.

कौन और कैसे मांग सकता है ओटीपी?: साइबर एक्सपर्ट के अनुसार पहले तो कोई आपसे ओटीपी नहीं मांगता है. अगर कोई कस्टमर केयर कर्मी आपसे ओटीपी मांगता भी है, तो वो भी फोन पर ही टाइप करना होता है. वो किसी को बताना नहीं पड़ता. बैंकिंग सेक्टर में ऐसा कोई नियम नहीं है कि आपको ओटीपी बोलकर बताना पड़े. ऐसे में अगर कोई भी आपसे इस तरह से ओटीपी मांगता है तो समझ लीजिए आपके साथ फ्रॉड होने वाला है.

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