रोहतक: कहते हैं कि स्वर्ग से जोड़ियां बन कर आती है और इस धरती पर पर मिल जाती हैं. हरियाणा के रोहतक (Rohtak) जिले में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला. ये कहानी इतनी मैजिकल है कि जिस पर आप को यकीन ही नहीं होगा. रोहतक के अनाथ आश्रम में रहने वाले कविता और जतिन की कहानी जितनी अविश्वसनीय है उतनी ही रोचक है.
रोहतक जिले में जनसेवा संस्थान केंद्र (Jan Seva Kendra, Rohtak) है. जहां पांच साल पहले कविता और जतिन को लावारिस हालत में लाया गया था. दोनों मानसिक रूप सें कमजोर थे, दोनों ही अपनी पिछली जिंदगी भूल चुके हैं. इन्हें बस अपना नाम याद है. कविता की हालत इतनी खराब थी कि वो खुद पर नियंत्रण भी नहीं रख पाती थी, वो लोगों पर पत्थर उठा कर मारती थी.
बेहद बुरी हालत में आश्रम पहुंचे थे दोनों
समाजिक संस्था के संचालक डॉ. परमानंद महामंडलेश्वर का कहना है कि उनकी हालत काफी खराब थी. वो सड़कों पर रहते थे. आते जाते शरारती लोग उन्हें परेशन करते थे. कुड़े से उठाकर खाना खाते थे. वहीं जतिन तो काफी घायल था. उसे अपने नाम के सिवा कुछ याद नहीं था.
ये पढ़ें- इंसानियत की मिसाल: रिटायरमेंट के बाद गुलशन गरीब बच्चों को दे रहे निशुल्क शिक्षा
समाजिक संस्था ने किया इलाज
जनसेवा संस्थान केंद्र में दोनों का लंबा इलाज चला. कुछ दिनों बाद इनकी मानसिक स्थिति सुधरने लगी. पिछले कुछ सालों में ये दोनों आश्रम का काम काज करने लगे. आश्रम प्रबंधन ने दोनों की हालत सुधरते देख इनकी शादी पर विचार किया. दोनों की मानसिक स्थिति को लेकर डॉक्टर से भी सलाह ली गई. जिसके बाद इनकी शादी करवाने पर फैसला ले लिया गया.
गुरुवार को हुई दोनों की शादी
गुरुवार को दोनों शादी के बंधन में बंध गए. हिंदू रिती रिवाज के अनुसार इन्होंने अग्नि का साक्षी मानकर सारी जिंदगी साथ निभाने के लिए सात वचन लिए. हांलाकि दोनों को अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है, लेकिन अब ये दोनों एक साथ अपने भविष्य की प्लानिंग कर रहे हैं.
ये पढ़ें- अनाथ और असहाय बच्चों के सपनों को उड़ान दे रहा बालकुंज