आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हरियाणा के आढ़ती, इन मांगों को लेकर सरकार को दी चेतावनी

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Published : Sep 19, 2022, 3:40 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 4:17 PM IST

traders strike in haryana

हरियाणा आढ़ती एसोसिएशन (haryana aadhti association) के आह्वान पर प्रेदशभर के आढ़ती आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. आढ़ती धान की ई-ऑक्शन खरीद का विरोध कर रहे हैं.

करनाल: हरियाणा आढ़ती एसोसिएशन (haryana aadhti association) के आह्वान पर प्रेदशभर के आढ़ती आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. आढ़तियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी. तब तक उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल (traders strike in haryana) जारी रहेगी. आढ़तियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार द्वारा उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो वो पीछे नहीं हटेंगे.

करनाल की सभी अनाज मंडियों में आढ़तियों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक अनिश्चितकालीन हड़ताल (trader strike in karnal) की. इस दौरान आढ़तियों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मंगलवार से आढ़ती इसी तरह से विरोध प्रदर्शन करेंगे. करनाल नई आनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि वो चाहते हैं कि उन्हें जो 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलता था. वही कमीशन मिलना चाहिए

उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों का धान हरियाणा में आने देना चाहिए और पेमेंट के लिए ऑप्शन चाहिए. जैसे- किसान पेमेंट अपने खाते में चाहता है या फिर आढ़ती के खाते में. इन मांगों को लेकर आज प्रदेश भर के मंडी आढ़ती हड़ताल पर है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आढ़तियों के इस व्यापार को खराब किया है. प्रदेश के कृषी मंत्री ने स्टेटमेंट दी है कि हम जो खरीद करेगें वो ई-ऑक्सन से लेगें. इसमें किसान का फायदा है. मीडिया के माध्यम से आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रजनीश ने कृषि मंत्री से पूछा कि इस ई-ऑक्शन से क्या फायदा होगा.

करनाल अनाज मंडी के आढ़ती राकेश ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आढ़तियों ने ये कदम उठाया है. जिससे आज पूरे प्रदेश के आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती तो 21 सिंतबर को प्रदेश भर के आढ़ती करनाल की नई अनाज मंडी में एकत्रित होगें और मुख्य मंत्री आवास का घेराव करेगें. आढ़तियों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो उनकी हड़ताल जारी रहेगी इस दौरान मंडी में धान खरीद नहीं होगी. इस दौरान अगर कोई किसान फसल लेकर मंडी में आता है, तो उसकी धान को मंडी में उतरवा लिया जाएगा और सुरक्षित रखवाया जाएगा, लेकिन इस दौरान ना तो धान खरीद होगी और ना ही धान बेचने की प्रक्रिया शुरू होगी.

आढ़तियों की मुख्य मांगें: सभी फसलें MSP पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए. आढ़तियों को पूरी 2.5 प्रतिशत आढ़त मिलनी चाहिए. दो सीजन से गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.80 रुपये कमीशन दी गई है, जबकि ये 51 रुपये बनती है. पिछले साल से ही MSP का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है. इससे आढ़तियों और किसानों में रोष है. सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा के अनुसार आढ़ती या स्वयं उसके खाते में किया जाना चाहिए. मतलब ये कि पेमेंट के लिए किसान के पास ऑपशन होना चाहिए.

मार्केटिंग बोर्ड ने ई-नेम लागू करने के आदेश जारी किए हैं. ये प्रक्रिया प्राइवेट बिकने वाली फसलों पर लागू नहीं हो सकती है. ई-ट्रेडिंग सिर्फ उत्पाद की हो सकती है, जबकि मंडियों में आने वाली फसलें कच्चा माल हैं. इसलिए ये प्रक्रिया मंडियों में लागू ना की जाए. सीमांत किसानों को ई-खरीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने के बाद भी सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी हैं, जबकि सीमांत किसान प्रदेश बनने के बाद से ही मंडियों से जुड़े हुए हैं.

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आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलों की खरीदी जाए. साल 2020 में धान पर मार्केट और HRDF फीस 4 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दी थी, लेकिन विभाग ने ये फीस एक प्रतिशत से बढ़ाकर फिर से 4 प्रतिशत कर दी है, जबकि पड़ोसी राज्यों में ये फीस बहुत कम है. टैक्स कम होने के कारण व्यापारी दूसरे प्रदेशों से धान खरीद रहे हैं. इससे हरियाणा के किसानों को धान के दाम कम मिल रहे हैं. सरकार फीस घटाकर एक प्रतिशत करे.

कैथल की अनाज मंडियों में भी आढ़ती हड़ताल पर रहे. आढ़तियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी. उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. आढ़तियों की मांग है कि गेहूं सीजन 2020 की जो पेमेंट ब्याज के रूप में आढ़तियों से काटी गई थी, वो मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद आढ़तियों को वापस नहीं की गई है. ये पेमेंट तुरंत आढ़तियों को दी जाए.

यमुनानगर में आढ़तियों की हड़ताल: यमुनानगर में आढ़तियों ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया. आढ़तियों ने कहा कि सरकार हमारे ऊपर गलत पॉलिसी को थोप रही है. जिससे आढ़तियों को भारी नुकसान हो रहा है. हरियाणा में किसान धान लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं और दूसरी तरफ आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. हांलाकि अभी तक धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. जगाधरी अनाजमंडी के प्रधान मुनीष कुमार का कहना है कि कल यानी मंगलवार को कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास के बाहर धरना देंगे. फिर भी सरकार नहीं मानी तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास के बाहर भी एकजुट होंगे.

फरीदाबाद में आढ़तियों का प्रदर्शन: फरीदाबाद में भी आढ़तियों ने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया. अब से मंडी में किसी भी तरह की खरीद नहीं की जाएगी. ये हड़ताल ई-नेम पोर्टल के विरोध को लेकर की जा रही है. हड़ताल पर बैठे आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बल्लभगढ़ के आढ़तियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी. तब तक वो हड़ताल पर रहेंगे. सभी मंडियों में किसान की फसल की खरीद बंद कर दी गई है. जिससे मंडियों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

Last Updated :Sep 19, 2022, 4:17 PM IST
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