Karnal Farmers Protest: किसानों और प्रशासन के बीच अहम बैठक, सुरक्षा के लिए 40 कंपनियां तैनात

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Published : Sep 10, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 7:04 AM IST

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करनाल में आज किसानों और प्रशासन के बीच अहम बैठक होगी. उम्मीद है आज होने वाली इस बैठक में कोई हल जरूर निकल आएगा. इससे पहले शुक्रवार देर रात तक किसान नेताओं और प्रशासन (Karnal Farmer And Administration Meeting) के बीच वार्ता चली.

करनाल: लघु सचिवालय पर किसानों का धरना (Karnal Farmers Protest) लगातार जारी है. वहीं किसान नेताओं की जिला प्रशासन के साथ अब तक कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है जिसमें कोई हल नहीं निकला. इस बीच आज किसानों और प्रशासन के बीच आज अहम बैठक होगी. इससे पहले शुक्रवार को एक बार फिर प्रशासन ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था. ये बातचीत एसीएस देवेंद्र सिंह की मौजूदगी में हुई. खबर ये आ रही है कि किसानों और प्रशासन की ये बैठक सकारात्मक रही है.

बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaudhauni) ने कहा कि प्रशासन के साथ ये बैठक अच्छी रही है. कुछ बातों पर सहमित बनी है. कल संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक के दौरान इन बातों पर विचार किया जाएगा. कुल मिलाकर प्रशासन के साथ ये बैठक सकारात्मक रही है. हालांकि बैठक में कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है, आज यानी शनिवार को सुबह 9 बजे दोबारा प्रशासन के साथ बैठक होगी.

किसान और प्रशासन के बीच हुई सकारात्मक बैठक, बन सकती है बात

बता दें कि, इससे पहले भी किसानों और प्रशासन के बीच में कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन हर बार बातचीत विफल रही थी. अब शुक्रवार को हुई बैठक के सकारात्मक रहने के बाद उम्मीद की जा रही है कि शायद बात बन जाए. बता दें कि आज यानि 11 सितंबर को करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होनी है. सुरक्षा के लिहाज के प्रशासन की तरफ से 40 कंपनिया तैनात की गई हैं.

गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम मनोहर लाल का एक कार्यक्रम करनाल में हुआ था. जिसका किसान विरोध कर रहे थे. इसकी सुरक्षा का जिम्मा तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के हाथों में था. इश दौरान किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था. उसी वक्त का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आयुष सिन्हा कहते दिख रहे हैं कि जो भी किसान यहां आने की कोशिश करे उसका सिर फोड़ देना, इसी पर किसान भड़के हुए हैं, और करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे हैं, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे.

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लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था, जिसके बाद किसानों ने महापंचायत कर लघु सचिवालय पर धरना शुरू कर दिया था.

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Last Updated :Sep 11, 2021, 7:04 AM IST
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