Karnal Farmers Protest Update: करनाल प्रशासन ने किसान नेताओं को फिर बातचीत के लिए दिया न्यौता

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Published : Sep 10, 2021, 3:43 PM IST

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करनाल में किसानों का प्रदर्शन (Karnal Farmers Protest) जारी है. किसानों के धरने को लेकर अब प्रशासन के माथे पर लकीरें खिंचने लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को करनाल डीसी और एसपी ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

करनाल: जिला करनाल (Karnal) में पिछले 4 दिनों से किसान धरना लगाए बैठे हैं. वहीं प्रशासन भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सतर्क है. करनाल पुलिस और प्रशासन इस विरोध का समाधान निकालने के लिए लगातार किसानों के संपर्क में है. वहीं शुक्रवार को करनाल उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Karnal administration Press Conference) कर ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी. दोनों अधिकारियों ने इस धरने से शहर की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. वहीं उन्होंने किसानों नेताओं को दोबारा बातचीत के लिए भी न्यौता दिया.

करनाल उपायुक्त निशांत कुमार व पुलिस अधीक्षक ने भी कहा कि हम किसान नेताओं के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि करनाल में इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गई है. किसानों से अपील की गई है कि प्रशासन से तालमेल बना कर रखा जाए. उन्होंने कहा कि कोई असमाजिक तत्व भी इस स्थिति का फायदा उठा सकता है. करनाल पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया (Superintendent of Police Ganga Ram Punia) ने बताया कि अभी भी पुलिस फोर्स और 40 कम्पनियां तैनात है. शहर वासी किसी भी अफवाह में ना आएं और निश्चिंत रहें.

करनाल प्रशासन ने किसान नेताओं को फिर बातचीत के लिए दिया न्यौता, देखिए वीडियो

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करनाल उपायुक्त निशांत कुमार (Karnal Deputy Commissioner Nishant Kumar) ने धरने वाली जगह पर दुकानदारों, शोरूम और एसपीओज के प्रभावित कारोबार की भी दलील दी. निशांत कुमार ने कहा कि किसानों के इस धरने से उन लोगों का काफी नुकसान हो रहा है. किसानों को भी चाहिए कि उनके काम में कोई परेशानी ना हो, जिसके लिए वो थोड़ा सहयोग दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस धरने में किसानों की आड़ में छिपे शरारती तत्वों पर भी करनाल प्रशासन की नजर है. किसी भी स्थिति में कानून का उल्लंघन नहीं होने देंगे.

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करनाल डीसी ने कहा कि आने वाली 12 तारीख को करनाल में नीट एचसीएस एचपीएस की परीक्षाएं भी होने वाली हैं. जिसको लेकर शहर में सख्त सुरक्षा रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान कोई भी असमाजिक तत्व खलल डालने की कोशिश करेगा, तो उस पर सख्त कार्यवाही होगी. उन्होंने कहा कि यह परीक्षार्थियों के भविष्य का सवाल है.

गौरतलब है कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था.

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