हरियाणा में हड़ताली एमबीबीएस छात्रों को IMA का समर्थन, आज 12 घंटे ओपीडी बंद करने का फैसला

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Published : Nov 28, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Nov 28, 2022, 2:38 PM IST

हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल

हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस छात्रों की हड़ताल और विरोध जारी है. सोमवार को छात्रों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी 12 घंटे के लिए ओपीडी सेवा बंद करने का ऐलान किया. बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन को आईएमए ने पूरी तरह समर्थन दिया है.

करनाल: प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र-छात्राएं हरियाणा सरकारी की बॉन्ड पॉलिसी (Haryana Government Bond Policy) के विरोध में 28 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. विद्यार्थी अपनी कक्षाएं तक नहीं लगा रहे, जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. पिछली रात भी एमबीबीएस के स्टूडेंट का एक दल हरियाणा सरकार के अधिकारियों से बातचीत करने पहुंचा था लेकिन बैठक बेनतीजा रही और कोई सहमति नहीं बन पाई. एमबीबीएस छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार बात नहीं मानती तब तक हम अपना विरोध जारी रखेंगे.

आईएमए जिला प्रधान डॉ नवीन गुप्ता ने कहा कि करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में IMA के डॉक्टरों ने बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में छात्रों का समर्थन करते हुए प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों में OPD बंद करने का निर्णय लिया है. कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में समर्थन करने पहुंचे IMA के डॉक्टरों ने कहा कि वह छात्रों के साथ हैं. सोमवार के दिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक आईएमए द्वारा पूरे हरियाणा में ओपीडी बंद कर दी गई है. केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी.

हरियाणा में हड़ताली एमबीबीएस छात्रों को IMA का समर्थन, आज 12 घंटे ओपीडी बंद करने का फैसला

आईएमए के जिला सचिव डॉ रविंद्र कौशल ने कहा कि वो सरकार की इस बॉन्ड पॉलिसी का विरोध करते हैं. जिसके चलते सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक अपने अस्पतालों की OPD बंद रखने का फैसला किया गया है. अगर सरकार ने छात्रों की मांगों को पूरा नहीं किया तो वह आने वाले समय और भी कड़ा निर्णय ले सकते हैं. हरियाणा में भविष्य के डॉक्टरों को सरकार इस पॉलिसी के जरिए बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है, जिसका वह कड़ा विरोध करते हैं.

छात्रों ने कहा कि पिछले 28 दिन में कई बार सरकार से उनकी मीटिंग हो चुकी है लेकिन कोई भी मीटिंग अबतक सिरे नहीं चढ़ पाई है. सरकार उन्हें लिखित में आश्वासन देने को तैयार नहीं है. छात्रों ने कहा कि दो दिन पहले भी सरकार से उनकी मीटिंग हुई थी. रविवार देर रात तक मीटिंग चलती रही लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी पॉजिटिव रिस्पांस सामने नहीं आ रहा है. छात्रों ने कहा कि अब IMA के द्वारा ओपीडी बंद करने के एलान के बाद सरकार पर काफी दबाव पड़ेगा, जिससे जल्द ही कोई हल निकलने की उम्मीद है.

हरियाणा में निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद
धरने पर बैठे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के छात्र.

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2 नवंबर से जारी है प्रदर्शन- गौरतलब है कि पीजीआई रोहतक में एक नवंबर से हरियाणा सरकार की बांड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत हुई थी. 2 नवंबर से विद्यार्थी डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे. 5 नवंबर को रोहतक पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी विद्यार्थियों की मुलाकात कराई गई थी लेकिन मुख्यमंत्री ने पॉलिसी वापस लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि ज्यादा विरोध बढ़ने पर 7 नवंबर को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर पॉलिसी में कुछ संशोधन कर दिया. जिसके तहत बांड की शर्त एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों पर लागू कर दी. लेकिन यह संशोधन भी आंदोलनकारी एमबीबीएस विद्यार्थियों को मंजूर नहीं है. छात्र चाहते हैं कि बॉन्ड की शर्त लागू ना हो.

हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी क्या है- दरअसल एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपए का बॉन्ड भरवा रही है. छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे. इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी.

हरियाणा में निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद
धरने पर बैठे छात्र.

एमबीबीएस छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं- MBBS छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के चलते छात्र पढ़ाई से पहले कर्ज में डूब जायेंगे. उन पर बॉन्ड पॉलिसी के नाम पर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है. छात्र हर साल 10 लाख रुपये कहां से लायेगा. एमबीबीएस छात्रों की मांग है कि बॉन्ड एग्रीमेंट में से बैंक की दखल अंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए. इसके अलावा बॉन्ड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 साल की जाये. ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी की गारंटी दे. बॉन्ड की राशि 40 लाख से घटाकर 5 लाख की जाये.

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Last Updated :Nov 28, 2022, 2:38 PM IST
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