केंद्र सरकार की वीर गाथा परियोजना में करनाल की बेटी रिया ग्रोवर का चयन, देशभर से चुने गए 25 विद्यार्थी

केंद्र सरकार की वीर गाथा परियोजना में करनाल की बेटी रिया ग्रोवर का चयन, देशभर से चुने गए 25 विद्यार्थी
केंद्र सरकार की वीर गाथा परियोजना (veer gatha project) में करनाल की बेटी रिया ग्रोवर का चयन हुआ है. इस परियोजना के लिए देशभर से 25 विद्यार्थियों का चयन हुआ है.
करनाल: केंद्र सरकार की वीर गाथा परियोजना (veer gatha project) के तहत देशभर में 25 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. जिसमें करनाल की बेटी रिया ग्रोवर भी अपनी जगह बनाई है. इस परियोजना में रिया ने शौर्य चक्र से सम्मानित कैप्टन वरुण सिंह पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया था. इस उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी का माहौल है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रिया को सम्मानित भी करेंगे. रिया ग्रोवर (karnal riya grover) निजी स्कूल की 11वीं कॉमर्स की छात्र हैं.
उन्होंने बताया कि उन्हें कैप्टन वरुण सिंह (captain varun singh) के जीवन पर आधारित एक वीडियो तैयार किया था. जिसमें उन्होंने कैप्टन की शौर्य गाथा को दर्शाया. अब रक्षा मंत्रालय की तरफ से सुपर 25 विद्यार्थियों में उनके चयन की जानकारी मिली है. प्रतियोगिता शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के सहयोग से देश भर के स्कूलों में आयोजित की गई थी. जिसमें देशभर के स्कूलों के करीब 8 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया. कई राउंड की कड़ी ट्रेनिंग के बाद सुपर 25 का चयन राष्ट्रीय स्तर की टीम के नेतृत्व में किया गया है.
सभी सुपर 25 विद्यार्थी को इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में रक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष सम्मान दिया जाएगा. सभी विशेष 25 अतिथियों को प्रमाण पत्र के अलावा ₹10000 का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा. ये प्रतियोगिता छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने और हमारे युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. वहीं स्कूल की प्रिंसिपल पूनम ने बताया कि नवंबर महीने में छात्रा ने इस परियोजना के तहत अपने प्रोजेक्ट को तैयार कर भेजा था. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बच्चों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और देश के योद्धाओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना है. इस उपलब्धि पर सभी ने रिया पर गर्व करते हुए बधाई दी.
कौन थे कैप्टन वरुण सिंह? तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसा हुआ था. इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी. वहीं वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दर्दनाक हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (captain varun singh) ही एक मात्र जीवित बचे सैन्य अधिकारी थे. बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. हादसे के एक सप्ताह के अंदर ही ग्रुप कैप्टन वरुण सिहं ने भी दम तोड़ दिया था.
