आढ़तियों ने करनाल में किया सीएम आवास का घेराव, 23 सितंबर से शुरू करेंगे आमरण अनशन

author img

By

Published : Sep 21, 2022, 7:30 PM IST

Arhtiyas Cm Gherao in Karnal

करनाल में प्रदेशभर के आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन (Arhtiyas Protest in Karnal) किया. आढ़तियों के विरोध को देखते हुये पहले ही मुख्यमंत्री आवास पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. आढ़तियों ने कहा कि मांगों को लेकर 23 सितंबर से आमरण अनशन करेंगे.

करनालः हरियाणा के करनाल में आज प्रदेशभर के आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव (Arhtiyas Cm Gherao in Karnal) किया. आढ़ती पिछले 2 दिनों से हड़ताल पर हैं. सरकार द्वारा मांगें नहीं माने जाने के चलते आढ़ती पहले नई अनाज मंडी में एकत्रित हुए और फिर प्रेम नगर स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का प्रयास किया. आढ़तियों के विरोध को देखते हुये पुलिस ने पहले ही सीएम आवास की बड़ी तादाद में घेराबंदी (Cm Manohar lal residence Karnal ) कर रखी थी.

मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे मंडी आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर रोष प्रदर्शन किया. हरियाणा भर के आढ़ती पिछले 2 दिन से सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर (Arhtiyas strike in Haryana) बैठे हुए थे. आढ़तियों व सरकार के इस टकराव के बीच किसान पिस रहा है. मुख्यमंत्री आवास के बाहर काफी देर तक आढ़तियों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री के विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला ने प्रदेशभर से आए आढ़तियों का ज्ञापन लिया.

करनाल नई अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की (Arhtiyas demand to haryana government) ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते आढ़तियों को हर छठे महीने अपनी मांगे सरकार के सामने रखनी पड़ती हैं. लेकिन सरकार आंख कान मूंदकर आढ़तियों की मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि अब आढ़ती तंग आ चुके हैं. जिसके चलते प्रदेश भर के आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

उन्होंने कहा कि आगामी 23 सितंबर को सुबह 11 बजे से पांच आढ़ती अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठेंगे. जब तक उनकी मांगे सरकार नहीं मान लेती तब तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे. मुख्यमंत्री विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला ने कहा कि आढ़तियों ने उन्हें अपना ज्ञापन दिया है. जिसे वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचाने का काम करेंगे. इसके उपरांत मुख्यमंत्री जो भी फैसला करेंगे वह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है.

हरियाणा में आढ़तियों की मुख्य मांगें

  • सभी फसलें MSP पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए. आढ़तियों को पूरी 2.5 प्रतिशत आढ़त मिलनी चाहिए. दो सीजन से गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.80 रुपये दी गई है, जबकि 51 रुपए बनती है.
  • पिछले साल से ही MSP का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है. इससे आढ़तियों में रोष है। सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा के अनुसार आढ़ती या स्वयं उसके खाते में किया जाना चाहिए.
  • मार्केटिंग बोर्ड ने ई-नेम लागू करने के आदेश जारी किए हैं. यह प्रक्रिया प्राइवेट बिकने वाली फसलों पर लागू नहीं हो सकती है. ई-ट्रेडिंग सिर्फ उत्पाद की हो सकती है, जबकि मंडियों में आने वाली फसलें कच्चा माल हैं. इसलिए यह प्रक्रिया मंडियों में लागू न की जाए.
  • साल 2020 में धान पर मार्केट और HRDF फीस 4 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दी थी, लेकिन विभाग ने यह फीस एक प्रतिशत से बढ़ाकर फिर से 4 प्रतिशत कर दी है, जबकि पड़ोसी राज्यों में यह फीस बहुत कम है. टैक्स कम होने के कारण व्यापारी दूसरे प्रदेशों से धान खरीद रहे हैं. इससे हरियाणा के किसानों को धान के दाम कम मिल रहे हैं. सरकार फीस घटाकर एक प्रतिशत करे.
  • गेहूं सीजन 2020 की जो पेमेंट ब्याज के रूप में आढ़तियों से काटी गई थी, वह मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद आढ़तियों को वापस नहीं की गई है.

    सीमांत किसानों को ई-खरीद पोर्टल (e procurement portal haryana) पर रजिस्टर्ड करने के बाद भी सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी हैं, जबकि सीमांत किसान प्रदेश बनने के बाद से ही मंडियों से जुड़े हुए हैं. बहुत से किसान प्रदेश के ही रहने वाले हैं. सरकार द्वारा धान न खरीदने के कारण किसानों और आढ़तियों को बहुत नुकसान हुआ है. इससे उनमें रोष है. आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलों की खरीदी जाए.

इसे भी पढ़ें- हिसार में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में भिड़ंत, पथराव के जवाब में पुलिस ने किया लाठीचार्ज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.