सुरजेवाला ने साधा खट्टर सरकार पर निशाना, पूछा-जब बॉन्ड पॉलिसी पूरे देश में कहीं नहीं तो केवल हरियाणा में क्यों
Updated on: Dec 4, 2022, 11:28 AM IST

सुरजेवाला ने साधा खट्टर सरकार पर निशाना, पूछा-जब बॉन्ड पॉलिसी पूरे देश में कहीं नहीं तो केवल हरियाणा में क्यों
Updated on: Dec 4, 2022, 11:28 AM IST
राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर निशाना साधा (Randeep Surjewala targets Khattar government) है. सुरजेवाला ने हरियाणा बॉन्ड पॉलिसी को लेकर खट्टर सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि जब यह पॉलिसी पूरे देश में कहीं नहीं है तो केवल हरियाणा में ही क्यों है.
कैथल: कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा बॉन्ड पॉलिसी को लेकर बड़ा बयान (Haryana Bond Policy) दिया है. अपने बयान में सुरजेवाला ने कहा कि यह इन लोगों की नूरा कुश्ती है. बच्चों को बेवकूफ बना रहे हैं. गरीब के बच्चे को चाहे वह किसी भी जाति का हो उसे डॉक्टर बनने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब यह पॉलिसी पूरे देश में कहीं नहीं है तो केवल हरियाणा में ही क्यों है.
मीडिया से बातचीत करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि अगर गरीब बच्चे के पास तीस लाख रुपये होते तो वह प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन ले लेता. उसके पास तीस लाख रुपये नहीं है तभी तो सरकारी कॉलेज में आया है. मुख्यमंत्री को यह मालूम नहीं है कि जब पैसे के अभाव में बेटे- बेटी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते तो मां बाप के दिल पर क्या गुजरती है.
सुरजेवाला ने कहा कि आज हरियाणा के लाखों बच्चे देश छोड़कर विदेश जाने को मजबूर हो गए हैं. उनके मां-बाप 30 से 40 लाख रुपये कर्जा उठाकर बच्चों को बाहर भेज रहे हैं. हमारा कहना है कि अगर आप हरियाणा के बच्चों से तीस लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रहे हैं तो आप भी बच्चों को बॉन्ड भर कर दें कि आप उन्हें 5 साल की नौकरी अवश्य देंगे. सरकार कह रही है कि बच्चों से तो बॉन्ड भरवाएंगे परंतु नौकरी देंगे या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है.
सुरजेवाला ने कहा कि हम हरियाणा बॉन्ड पॉलिसी (Haryana Bond Policy) की भर्त्सना करते हैं. यह युवा विरोधी है. यह गरीबों के बच्चों को डॉक्टर बनने से रोकने का भाजपाई षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि अनिल विज किस बात की नूरा कुश्ती कर रहे हैं. वह मंत्री हैं और मनोहर लाल लाल उनके मुख्यमंत्री हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि हरियाणा में किसी को भी यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि बॉन्ड के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये लूटने की यह नीति चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित रहेगी. यह आग इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी अपनी चपेट में लेगी.
