हरियाणा में अधिकारियों की लापरवाही से करोड़ों का गेहूं बर्बाद, दोषी कर्मचारियों से होगी नुकसान की भरपाई

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Published : Oct 2, 2022, 8:15 PM IST

Government wheat spoiled in Haryana

हरियाणा में करोड़ों रुपयों का भंडारण किया गया सरकारी गेहूं अधिकारियों की लापरवाही के कारण बर्बाद (Government wheat spoiled in Haryana) हो गया है. हैरान करने वाली बात है कि गेहूं के कई स्टॉक को तो बिना किसी क्रेट के सीधा जमीन पर ही रखा हुआ था. जिस कारण बारिश का पानी गेहूं में गिरने की वजह गेहूं पूरी तरह से सड़ गए और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. पढ़ें पूरी खबर...

कैथल: हरियाणा सरकार इन दिनों पोषण महा मना रही है ताकि हरियाणा का कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे. वहीं गरीबों के लिए शुरू की गई अन्य योजना के लिए करोड़ों रुपयों का भंडारण किया गया सरकारी गेहूं अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़ (Government wheat spoiled in Haryana) गया. हैरान करने वाली बात है कि गेहूं के कई स्टॉक को तो बिना किसी क्रेट के सीधा जमीन पर ही रखा हुआ था. जिस कारण बारिश का पानी गेहूं में गिरने की वजह गेहूं पूरी तरह से सड़ गए और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.

बता दें कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही के कारण पूंडरी के गोदाम में रखा करीब 6.50 करोड़ कीमत का 3200 एमटी गेहूं अब मिट्टी बन गया है. यदि अधिकारी और कर्मचारी इस गेहूं को संभालकर रखते तो 6.40 लाख गरीब लोगों को एक माह का राशन मिल जाता. लेकिन किसी भी कर्मचारी और अधिकारी ने इस और ध्यान नहीं दिया.

गेहूं के अब लोथड़े बन गए हैं और उसमें बदबू आने लगी है. गोदाम में रखे इस गेहूं को नॉन इशूबल यानि (एफसीआई को पीडीएस में देने लायक नहीं) घोषित कर दिया है. वहीं, करोड़ों रुपये की कीमत के गेहूं को खराब होने से बचाने की जिम्मेदारी किस की थी, इसकी जांच कर दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इससे पहले खराब हुए गेहूं को अब ई-ऑक्शन करके सस्ते दामों पर प्राइवेट कंपनियों को बेचा जा (wheat auction in Haryana) रहा है.

अधिकारियों व कर्मचारियों की इस लापरवाही से सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगी है. वहीं गरीबों के निवाले की भी दुर्गति हुई है. फूड एंड सप्लाई द्वारा अनाज मंडियों से गेहूं खरीद कर 2019-20 के सीजन में पूंडरी के गोदाम में खुले में भंडारण किया था. इसकी देखरेख की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर की थी, लेकिन बारिश के मौसम में गेहूं को नुकसान से बचाने को कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए.

एक नहीं 15 बार से भी ज्यादा बार खुले में रखे गेहूं पर बारिश होती रही. यहां तक की अधिकारी व कर्मचारियों ने गेहूं को बचाने के लिए इनपर ठीक से तिरपाल तक नहीं ढकी, जिस कारण सरकार का करोड़ों रुपये का गेहूं बर्बाद हो गया. डीएफएससी प्रमोद शर्मा ने बताया कि मामला उनकी जानकारी में है. संबंधित अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए विभाग को लिखा गया है, पहले इसकी बोली होगी. बोली के बावजूद जो नुकसान होगा. वह पांच जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारियों को भरना होगा.

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