हिसार सीवर ट्रीटमेंट टैंक में मौत मामले की होगी मजिस्ट्रेट जांच, चार सदस्यीय कमेटी गठित

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Published : Apr 20, 2022, 6:54 AM IST

Updated : Apr 20, 2022, 7:49 PM IST

hisar sewer workers death

हरियाणा के हिसार जिले में सीवरेज ट्रीटमेंट टैंक में मेंटेनेंस के लिए उतरे 4 मजदूरों की मौत (hisar sewer workers death) से हर तरफ कोहराम है. सीवरेज वेस्ट से बनी जहरीली गैस को चारों की मौत की वजह बताया जा रहा है. इस मामले में पीड़ित परिवार सरकारी मदद की मांग कर रहा है.

हिसार: हिसार के उकलाना में मंगलवार शाम को एक दर्दनाक हादसे में चार लोगों की मौत (hisar sewer workers death) हो गई. सीवरेज ट्रीटमेंट टैंक में मेंटेनेंस के लिए उतरे 4 मजदूरों की मौत से कोहराम मच गया. करीब 50 फीट गहरे टैंक में नीचे चार लोग उतरे थे. सीवरेज वेस्ट से बनी जहरीली गैस की वजह से इन चारों कर्मचारियों की मौत हो गई.

ये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट उकलाना के बुड्ढा खेड़ा गांव में स्थित है. हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. मृतकों की पहचान 28 साल के सुरेंद्र, 25 साल के महेंद्र, 27 वर्षीय राहुल और 25 वर्षीय राजेश के रूप में हुई है. चार सफाई कर्मियों की मौत के इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी. जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है. वहीं एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल का जायजा लेने मौके पर पहुंची.

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एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चारों शवों को टैंक से बाहर निकाला. वहीं ग्रामीणों ने शव को ले जा रही एम्बुलेंस को रोक दिया. परिजन व ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. पुलिस ने लोगों को समझाने के प्रयास किए, लेकिन ग्रामीण मंत्री अनूप धानक के आने का इंतजार करते रहे. मंत्री के पहुंचते ही गांव वालों और मंत्री के बीच में बातचीत हुई. मंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद मृतकों के परिजन शांत हुए और शवों के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. इसके अलावा मंत्री ने चारों मृतकों के परिवार को 17-17 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने का आश्वासन दिया है. आश्वासन के बाद रात 2 बजे शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.

ये सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हिसार के गांव बुढ़ाखेड़ा के स्वर्ग आश्रम के पास बना है. जब से ये प्लांट बना है तब से लोग बेहद परेशान हैं. आस-पास के लोग ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाली बदबू से बेहद तंग आ चुके हैं. गांव वालों ने कई बार एसटीपी को यहां से स्थानांतरित करने की मांग भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक में उतरे कर्मचारियों के पास कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे.

सीवर टैंक करीब 40 फीट गहरा है जिसमें चार से पांच फुट गहराई में कीचड़ जमा हुआ था. सुरेंद्र व राहुल ठेकेदारी के तहत अनुबंध पर काम कर रहे थे. जब ये हादसा हुआ तो दोनों को बचाने के चक्कर में महेंद्र और राजेश को भी अपनी जान गंवानी पड़ी.

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Last Updated :Apr 20, 2022, 7:49 PM IST
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