गुरुग्राम नगर निगम में करोड़ों का भ्रष्टाचार, मुख्य सचिव ने दिये जांच के आदेश

author img

By

Published : Jun 23, 2022, 5:29 PM IST

Corruption in Gurugram Municipal Corporation

गुरुग्राम नगर निगम एक बार फिर भ्रष्टाचार (Corruption in Gurugram Municipal Corporation) के चलते चर्चा में है. तहबाजारी की दुकानों का मालिकाना हक देने के नाम पर कर्मचारियों ने करोड़ों रुपये वसूले हैं. इस मामले में अब जांच के आदेश दिये गये हैं.

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम नगर निगम (Gurugram Municipal Corporation) आए दिन भ्रष्टाचार के चलते चर्चा में रहता है. इस बार सीएम मनोहर लाल द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के नाम पर निगम की तहबाजारी वाली दुकानों में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. इन दुकानों में रजिस्ट्री के नाम पर निगम कर्मचारियों पर मोटी रकम वसूलने का आरोप है. यह खुलासा गुरुग्राम नगर निगम में ही काम करने वाले एक कर्मचारी ने किया है. शिकायत के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने नगर निगम कमिश्नर को जांच का आदेश दिया है.

आरोप है कि कंप्यूटर क्लर्क आउटसोर्स कर्मचारी सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम के नाम पर नगर निगम गुरुग्राम में जमकर रिश्वतखोरी की. प्रति दुकान लगभग 15 लाख रुपये की रिश्वत ली गई है. अब इस मामले में गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार अहूजा ने कहा है कि उच्च अधिकारियों से एक चिठ्ठी आई है. इस चिट्ठी के आधार पर जल्द ही जांच की जाएगी. 15 से 20 दिन में जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कार्रवाई होगी.

Corruption in Gurugram Municipal Corporation
गुरुग्राम निगम कमिश्नर ने जांच के आदेश दिये हैं.

कई सालों से नगर निगम की दुकानों पर बैठे लोगों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना लाई गई थी. आरोप है कि इस योजना के नाम पर नगर निगम के कर्मचारियों ने रिश्वत के तौर पर मोटी रकम लेकर लोगों को मालिकाना हक दिलवाया. नगर निगम गुरुग्राम मे लगभग 700 दुकानों के मालिकों को मालिकाना हक दिया जाना था. जबकि अभी तक केवल 180 दुकानों के मालिकों को ही ये हक मिल पाया है. जिन लोगों को मालिकाना हक दिया गया उनसे लाखों में घूस की रकम ली गई. इस मामले में निगम कमिश्नर मुकेश कुमार अहूजा ने यह भी कहा कि अगर जांच में अगर बड़े अधिकारी पाये गये तो उनको भी बख्शा नहीं जायेगा.

क्या है योजना- मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना प्रदेश के उन लोगों के लिए लायी गयी थी, जो निगम के मकान या दुकान पर पिछले 20 सालों या उससे ज्यादा समय से काबिज हैं. इसके अलावा जो लोग 31 दिसंबर 2020 तक किसी दुकान की लीज भर रहे थे या किसी मकान का किराया दे रहे थे, वो भी इस योजना के लाभार्थी हैं. इन सभी लोगों को इस योजना के तहत लीज की दुकानों और मकानों पर मालिकाना हक मिलना था. लेकिन गुरुग्राम नगर निगम में मालिकाना हक दिलवाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम रिश्वत के तौर पर ली गई. एक तरीके से इन दुकानों को मालिकाना हक देने के बहाने लाखों रुपये लेकर बेचा जाने लगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.