हरियाणा में NABL लैब की जाएंगी स्थापित: दुष्यंत चौटाला

हरियाणा में NABL लैब की जाएंगी स्थापित: दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि हरियाणा में एनएबीएल लैब स्थापित की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने वाणिज्य विभाग की पॉलिसी को लागू करने के निर्देश भी दिए.
चंडीगढ़: शुक्रवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की नीतियों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों और व्यवसायों की किसानों को जानकारी दी जाए ताकि वे अपने प्रोडक्ट में वैल्यू-एड करके लाभान्वित हो सकें.
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के उद्योगों को तोहफा देते हुए घोषणा की है कि उत्पादों की गुणवत्ता की परख के लिए हरियाणा में 10 एनएबीएल लैब (NABL Labs in Haryana) और क्वालिटी मार्किंग सेंटर स्थापित किये जाएंगे. उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं.
डिप्टी सीएम को जानकारी दी गई कि एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2018 के तहत कुल 57 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें सही पाए गए 42 आवेदनों पर उनके प्रोजेक्टस को स्वीकृति दे दी गई है. इन प्रोजेक्टस में करीब 570 करोड़ रुपये के निवेश करने की प्रक्रिया है जिसमें से 120 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है.
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों निर्देश दिए कि आवेदनकर्ता के प्रोजेक्टस का अध्ययन करके जल्द से जल्द उनकी सब्सिडी जारी की जाए ताकि वह समय पर अपना उत्पादन शुरू कर सकें. उन्होंने विभाग की हरियाणा इंटरप्राइजेज एंड एंप्लाइमेंट पॉलिसी 2020, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउस एंड रिटेल पॉलिसी 2019, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 (electric vehicle policy 2022) के अलावा हरियाणा एंटरप्राइजेज प्रमोशन सेंटर के बारे में भी विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि वर्ष 2023 में कार्य को गति प्रदान करें.
यह भी पढ़ें-परिवार पहचान पत्र बना परमानेंट परेशानी पत्र: भूपेंद्र सिंह हुड्डा
उन्होंने एमएसएमई की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं के तहत स्थापित किए जा रहे छोटे उद्योगों की नियमानुसार पूरी मदद करें ताकि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें. डिप्टी सीएम को जानकारी दी गई कि राज्य में इस वक्त 9 लाख 70 हजार से ज्यादा एमएसएमई हैं, जिनमें से 9 लाख 53 हजार माइक्रो यूनिटस हैं. राज्य में एमएसएमई के तहत 19.06 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं जोकि प्रदेश के लिए गर्व की बात है.
