Haryana Asha Workers Protest: सीएम के ओएसडी बोले- आशा वर्कर की ज्यादातर मांगें मानी गई, मृतकों के परिजनों को भी मिलेगा मुआवजा

Haryana Asha Workers Protest: सीएम के ओएसडी बोले- आशा वर्कर की ज्यादातर मांगें मानी गई, मृतकों के परिजनों को भी मिलेगा मुआवजा
Haryana Asha Workers Protest: हरियाणा में आशा वर्कर्स और मनोहर सरकार के बीच सहमति बन गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के OSD जवाहर यादव ने बताया कि अब आशा वर्करों का मानदेय बढ़ाया गया है उनकी रिटायरमेंट को लेकर जो मांगें थी उन्हें भी सीएम ने स्वीकार कर लिया है.
चंडीगढ़: हरियाणा में 73 दिनों से आशा वर्करों की हड़ताल चल रही थी. जिसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ आशा वर्कर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की अहम बैठक हुई. इस बैठक में आशा वर्कर्स की कई मांगों को लेकर सहमति बन गई. हालांकि हड़ताल खत्म करने के बारे में आशा वर्कर कल फैसला करेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के OSD जवाहर यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आशा वर्कर केंद्र की योजनाओं के तहत काम करती हैं.
2014 में आशा वर्करों को 1000 मानदेय मिलता था. जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले बढ़ाकर 4000 किया, और आज 6100 किया है.
रिटायरमेंट पर मिलेंगे 2 लाख: सीएम OSD जवाहर यादव ने कहा कि हरियाणा में इस बढ़ोतरी के बाद उनका मानदेय आज से बढ़कर 11,800 हो गया है. उन्होंने बताया कि हरियाणा में आज से आशा वर्कर को देश में सबसे ज्यादा मानदेय मिलेगा. जवाहर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हैं, उन्होंने आशा वर्कर की मांगों को माना है. उन्होंने कहा कि अब तक हरियाणा में रिटायरमेंट पर आशा वर्कर्स को कुछ नहीं मिलता था. लेकिन सीएम ने आज आशा वर्कर्स को रिटायरमेंट बेनिफिट के तौर पर 2 लाख रुपए देने की भी घोषणा की है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल गरीबों का ध्यान रखते हुए अंत्योदय की भावना से काम कर रहे हैं. इसके लिए नई-नई योजनाएं चलाई जा रही है.
मृतकों के परिजनों को भी मुआवजा: उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1,80,000 सालाना आने वाले को शिक्षा, राशन, स्वास्थ्य आदि निशुल्क दिए जा रहे हैं. आशा वर्करों का मानदेय हर देश में सबसे ज्यादा हो गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशा वर्कर्स के पक्ष में एक बड़ा कदम उठाया है. बैठक में आशा वर्कर्स ने आंदोलन खत्म करने पर सहमति दी है, बाकी फैसला उनकी कमेटी करेगी. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर केंद्र सरकार की योजना से लगी हुई है. जिसमें राज्य और केंद्र अपना अपना हिस्सा देते हैं.
दिल्ली में 30 अक्टूबर को प्रदर्शन करने से पहले आशा वर्कर्स को पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, दिल्ली में भी अपनी मांगें मनवाकर भी दिखानी चाहिए. यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी होगी. OSD जवाहर यादव ने कहा कि आंदोलन के दौरान 2 आशा वर्करों की मौत हो गई थी. उनके परिजनों को भी सरकारी योजनाओं के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा.
