Haryana Asha Worker Protest: 'गुलाबी गैंग' के आगे झुकी सरकार, आशा वर्कर का मानदेय बढ़ाकर किया 6100, आंदोलन खत्म कर सकते हैं संगठन

Haryana Asha Worker Protest: 'गुलाबी गैंग' के आगे झुकी सरकार, आशा वर्कर का मानदेय बढ़ाकर किया 6100, आंदोलन खत्म कर सकते हैं संगठन
Haryana Asha Worker Protest: हरियाणा आशा वर्कर्स और सरकार के बीच कई मांगों पर सहमति बन गई है. प्रदेश की आशा कार्यकर्ता पिछले 73 दिन से अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.
चंडीगढ़: 73 दिन से आंदोलन कर रही हरियाणा की आशा वर्कर्स की आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक हुई. चंडीगढ़ में आशा वर्कर्स का शिष्टमंडल सीएम मनोहर लाल से मिलने पहुंचा. बैठक के बाद आशा वर्कर्स की स्टेट प्रेजिडेंट सुरेखा ने बताया आज मुख्यमंत्री के साथ हड़ताल के 73 वें दिन बात हुई है. हमने मांग की थी कि बैठक सौहार्दपूर्ण होनी चाहिए. बैठक में फैसला लिया गया है 4000 इंसेंटिव जो दिया जा रहा है उसको बढ़ाकर 6100 रुपये किया जाएगा.
इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के रिटायरमेंट को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया गया है. रिटायरमेंट बेनिफिट 2 लाख रुपये करने पर सहमति बन गई है. साथ ही इलाज में आयुष्मान भारत में शामिल करने की बात भी हुई है. चिरायु योजना में शामिल करने और इनकम सीमा को समाप्त करने पर भी दोनों पक्षों में सहमति बन गई है.
फिक्स से अलग 40 प्रकार के इंसेंटिव को लेकर राज्य सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की जायेगी. आज जो बात हुई है, उसको राज्य कमेटी के सामने रखी जायेगी. कमेटी में चर्चा के बाद इस पर आखिरी फैसला लिया जायेगा. पुलिस के साथ मुड़भेड़ में आशा वर्कर पारुल की मौत के मामले में राहत देने पर भी सरकार से बात हुई है. मृतक का परिवार सरकार को मांग पत्र देगा. बैठक में आशा कार्यकर्ताों ने ESI और पीएफ की भी मांग रखी थी. ESI और पीएफ का वैकल्पिक विकल्प तैयार करने पर सरकार विचार कर रही है.
कई मांगों पर सहमति बनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी आशा संगठनों से आंदोलन खत्म करने की मांग की है. गौरतलब है कि हरियाणा की आशा वर्कर पिछले 73 दिन ने आंदोलन कर रही हैं. उनकी न्यूनतम वेतन 26000 रुपये करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने जैसी करीब आधा दर्जन मांगें हैं.
