चंडीगढ़ धनास लेक में लगा 500 किलोवाट तैरता हुआ सौर ऊर्जा पैनल, लेक के अंदर चलेंगे कलरफुल लाइटों वाले फाउंटेन

चंडीगढ़ धनास लेक में लगा 500 किलोवाट तैरता हुआ सौर ऊर्जा पैनल, लेक के अंदर चलेंगे कलरफुल लाइटों वाले फाउंटेन
चंडीगढ़ धनास लेक में वन विभाग ने 500 किलोवाट का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाया (Floating water solar panel in Chandigarh Dhanas) है. क्रेस्ट की योजना के अनुसार सौर ऊर्जा पैनल से जो बिजली पैदा होगी उसे लेकर लेक के अंदर फाउंटेन चलाया जाएगा. इसमें 3 फाउंटेन 80 फुट तक के होंगे. जिस पर रंग बिरंगी लाइट लगी होंगी.
चंडीगढ़: चंडीगढ़ में सेक्टर 39 में उत्तर भारत का पहला सौर ऊर्जा पैदा करने वाला प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. धनास लेक के पानी में वन विभाग द्वारा 500 किलोवाट का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाया गया है. इसके अलावा इस लेक में वन विभाग द्वारा तीन फव्वारे भी लगाए जाएंगे, जो म्यूजिक और कलरफुल लाइट के साथ चलेंगे. उन्हें चलाने के लिए इन सोलर प्लांट से बिजली दी जाएगी. इसके साथ ही बची हुई बिजली को आस पास के महत्वपूर्ण विभाग में इस्तेमाल किया जाएगा.
वहीं, इस सौर ऊर्जा पैनल का उद्घाटन करने विशेष तौर पर चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर, साथ ही नवनिर्वाचित मेयर भी पहुंचे थे. धनास लेक में 500 किलोवाट तैरता हुआ सौर ऊर्जा पैनल, चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की तरफ से प्रोजेक्ट लाया गया है. ऐसे में उन्हीं की देखरेख में इस प्रोजेक्ट को आने वाले दिनों में चलाया जाएगा. शहर का पहला फ्लोटिंग सोलर पॉइंट जुलाई 2016 में धनास के लेख में ही लगाया गया था. हालांकि वह सिर्फ 10 किलोवाट प्लांट बेस था. वहीं अब इसकी क्षमता को 50 प्रतिशत और बढ़ाया गया है.
बता दें कि चंडीगढ़ लेक लॉक लैंड शहर है यहां जमीन काफी कम है सौर ऊर्जा के महत्व को देखते हुए सभी बड़ी इमारतों पर सौर पैनल लगा दिए गए हैं. वहीं अब लेक ही ऐसी जगह बची थी जहां सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए प्रोजेक्ट लगाया जाना था. ऐसे में धनास की जलाश्य पर इसकी शुरुआत की गई है. यहां पहली बार 500 किलोवाट का फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाया गया है. सोमवार से इस सोलर प्लांट को शुरू किया गया. चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी की ओर से पिछले छह महीनों से इस पर काम किया जा रहा था. साथ ही इसके आस पास की ग्रीनरी में भी सुधार किया गया है.
वहीं, अब जो सौर ऊर्जा पैनल लगाया गया है उसकी क्षमता 50 गुना अधिक की गई है. इस पैनल के साथ पांच फाउंटेन चलाए जाएंगे. इसके साथ ही आसपास की जगहों पर भी बिजली का इस्तेमाल किया जाएगा. क्रेस्ट की योजना के अनुसार सौर ऊर्जा पैनल से जो बिजली पैदा होगी उसे लेकर लेक के अंदर फाउंटेन चलाया जाएगा. इसमें 3 फाउंटेन 80 फुट तक के होंगे. जिस पर रंग बिरंगी लाइट लगी होंगी. इसके अलावा दो फाउंटेन 50 फीट के होंगे. फाउंटेन से पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा और ऑक्सीजन स्तर भी ठीक रहेगा. इससे मछलियों के मरने से बचाया जा सकेगा.
वन विभाग के अनुसार, सोलर पैनल सोमवार से पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा. वन विभाग का दावा है कि, शाम को यह लेक किसी विदेशी पर्यटक स्थल की तरह नजर आएगा. सौर ऊर्जा का बेहतर लाभ लेने के लिए वन विभाग इस समय अपनी खाली पड़ी जमीनों, छतों के साथ पानी पर भी सोलर प्लांट लगाने की योजना पर कार्य कर रहा है. धनास की यह लेक वन विभाग के अंडर आती है. विभाग ने अब इसे सुखना लेक की तरह ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना शुरू की थी. जिसे कामयाब बनाते हुए आस पास कई नई किस्म के पौधे लगाए गए हैं. साथ ही लोगों के बैठने के लिए बेच भी लगाए गए हैं.
इस मौके किरण खेर ने बताया कि उन्होंने हमेशा धनास को एक विशेष जगह के तौर पर ही देखा है. यहां पर उन्होंने बीते समय पर सौर ऊर्जा से संबंधित लाइटें लगाई थी. उन्हें बताया कि उन्हें खुशी है कि उत्तर भारत का पहला सौर ऊर्जा पैनल धनास में लगाया गया है. आने वाले दिनों में धनास में कई और प्रोजेक्ट लाए जाएगें. वहीं उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे चंडीगढ़ सुखना लेक की जगह धनास लेक पर आकर प्रकृति का नजारा ले जा सकते हैं. वहीं, मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे चंडीगढ़ प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि बिजली का उपयोग बिजली की जरूरत समय के साथ-साथ बदलती जा रही हैं. पहले जहां थर्मल प्लांट लगाए जाते थे, जिनका खर्चा काफी होता था.
इन थर्मल प्लांट से निकलने वाला धुआ और राख आम लोगों की परेशानी का कारण बनती थी. वहीं इन्हें इस समस्या को दूर करने के लिए उपाय भी किए गए लेकिन कोई असर नहीं देखा गया. वहीं, इन प्लांट होने वाली बीमारियों काफी खतरनाक है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सौर ऊर्जा एक इकलौता साधन है जिससे हम अपनी जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं और इससे किसी को भी नुकसान नहीं हो सकता. वहीं, सरकार और प्रशासन की तरफ से बहुत बेहतरीन योजनाएं लाई जा रही हैं. उनमें से एक सौर ऊर्जा पैनल है.
