दिवाली पर कहीं पटाखे ना दे जाए आंखों को दगा, जानिए कैसे आंखों को सेफ रखते हुए मनाए हैप्पी दिवाली

दिवाली पर कहीं पटाखे ना दे जाए आंखों को दगा, जानिए कैसे आंखों को सेफ रखते हुए मनाए हैप्पी दिवाली
Diwali 2023 : दिवाली रौशनी का त्यौहार है जिसका लोगों को हमेशा बेसब्री से इंतज़ार रहता है. देश भर में इस दिन पटाखे फोड़े जाते हैं. ऐसे में अगर आप या आपका कोई परिजन पटाखे फोड़ता है तो ये ख़बर आपके लिए है. उत्साह और उमंग के बीच अगर आपने ज़रा सी लापरवाही की तो हो सकता है कि आपका पूरा मज़ा किरकिरा हो जाए.
चंडीगढ़ : दिवाली पर आपने भी या आपके किसी परिजन ने हो सकता है कि पटाखे फोड़ने की तैयारी कर ली हो, ऐसे में थोड़ा सावधान हो जाइए क्योंकि कहते हैं ना कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. ऐसे में आपकी ज़रा सी लापरवाही आपको अस्पताल जाने पर मज़बूर कर सकती है. पटाखे फोड़ने के दौरान आंखों का ख़ास ख्याल रखने की दरकार है. अकसर देखा गया है कि पटाखे फोड़ने की धूम के बीच आप या आपका कोई परिजन लापरवाही कर बैठता है और उसे अस्पताल जाने के लिए मजबूर हो जाना पड़ता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आपकी दिवाली सेफ और हैप्पी वाली हो सकती है.
क्या कहते हैं डॉक्टर ? : पीजीआई के एडवांस आई सेंटर के डॉक्टर बताते हैं कि दिवाली के दौरान आंखों की ख़ास देखभाल की जरूरत है. पीजीआई ने इसके लिए ख़ास तौर पर एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. आप इमरजेंसी होने पर 98140-14464, 0172-2756117 पर कॉल कर सकते हैं. पीजीआई के डॉक्टर एस.एस.पांडव ने बताया कि आजकल जो पैटर्न देखने को मिल रहा है उसके मुताबिक पटाखे फोड़ने वालों के आसपास मौजूद लोगों को चोट लगने के ज्यादा मामले आ रहे हैं. वहीं अस्पताल पहुंचने वालों में ऐसे बच्चों की तादाद ज्यादा होती है जो अकेले ही पटाखे फोड़ रहे थे.
आंखों को सेफ रखने की टिप्स : पीजीआई के डॉक्टर ने बताया कि बच्चों को अकेले में पटाखे ना फोड़ने दें. अगर बच्चा छोटा हो तो बम, रॉकेट और अनार से दूर रखने की कोशिश करें. वहीं पटाखे के ना फूटने की स्थिति में जल्दबाज़ी ना करें और उसके नज़दीक ना जाएं. दिवाली के दिन अगर रोड पर निकल रहे हो तो अलर्ट रहें जिससे कोई पटाखे की चपेट में आने से आप बच सकें. वहीं प्रदूषण से आंखों में एलर्जी, जलन और पानी आने की समस्या हो सकती है. ऐसे में आंखों को पानी से धोएं और जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें. फुलझड़ी, अनार की चिंगारी से आंखों को महफूज़ रखने के लिए आंखों पर चश्मे का इस्तेमाल करें.
क्या कहते हैं आंकड़े ? : पटाखों से किसी ना किसी तरह आंख पर चोट लगने वाले लोगों के आंकड़ों की बात करें तो पीजीआई के डॉक्टर ने बताया कि साल 2020 में 27 मरीज, 2021 में 15 मरीज और 2022 में 40 मरीज पीजीआई में भर्ती किए गए थे. इनमें से ज्यादातर मरीजों को अपनी आंखों को बचाने के लिए सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था.
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