विशेष: हरियाणा में DAP की महा किल्लत! थाने में पुलिस वालों को बेचनी पड़ रही है खाद

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Published : Oct 23, 2021, 8:44 PM IST

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हरियाणा के किसानों को वक्त पर डीएपी खाद (DAP fertilizer shortage in Haryana) नहीं मिल रहा. खाद के लिए किसान लंबी-लंबी लाइनों में लगने को मजबूर हैं. हालात ऐसे हैं कि अब प्रदेश के पुलिस थानों में डीएपी खाद पुलिस वालों को बेचनी पड़ रही है. इस रिपोर्ट में जानें हरियाणा में क्यों हो रही खाद की किल्लत.

चंडीगढ़: हरियाणा के किसान डीएपी खाद की किल्लत से परेशान हैं. प्रदेश में डीएपी के लिए मारामारी के लेवल का इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश के पुलिस थानों में डीएपी खाद पुलिस वालों को बेचनी पड़ रही है. दरअसल खाद की उपलब्धता न होने से गेहूं, आलू और सरसों की बुवाई में दिक्कत आ रही है. हरियाणा में जरूरत के मुताबिक स्टॉक नहीं है. मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण प्रदेश में खाद के लिए स्थिति विकट हो चुकी है.

प्रदेश के चरखी दादरी में हालात ऐसे बने हैं कि किसानों को अपने बच्चों की स्कूल से छुट्टी करवाकर लाइनों में लगाना पड़ रहा है. महिलाएं भी चूल्हा-चौका छोड़कर पुलिस थाना में टोकन लेने पहुंची हैं. एक दिन पहले ही प्रशासन की करीब दो हजार बैग पुलिस की मौजूदगी में वितरित करवाई गई थी, अधिकारियों की मानें तो शुक्रवार को खाद की पांच गाड़ियां दादरी जिला में पहुंची हैं. खाद पहुंचने की सूचना पर हजारों किसान सुबह ही मंडी में पहुंचे तो प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से पुलिस थाना में टोकन देने की व्यवस्था करवाई गई.

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करीब-करीब पूरे हरियाणा में डीएपी खाद को लेकर एक जैसे हालात बने हुए हैं. शनिवार को भी भिवानी में इफको किसान सेवा केंद्र पर डीएपी को लेकर किसानों का जमावड़ा लगा दिखा, डीएपी ना मिलने से गुस्साए किसानों ने रोष जाहिर किया. ऐसा ही हाल चरखी दादरी में देखने को मिला. यहां भी सरकारी केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिली. कई क्षेत्रों में एक भी बैग डीएपी खाद की व्यवस्था नहीं है.

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हरियाणा में DAP कितनी सप्लाई: इस साल 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग के मुकाबले 2.37 लाख मीट्रिक टन की सप्लाई हुई है. अगर बात डीएपी की करें तो इसकी मांग 1.1 लाख मीट्रिक टन है जबकि सप्लाई 1.07 लाख मीट्रिक टन की हुई है. हरियाणा में डीएपी की कमी मात्र 4000 मीट्रिक टन की है, लेकिन किसानों को फिर भी इस खाद के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है.

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लाइन लगाकर डीएपी के लिए टोकन ले रही सैकड़ों महिलाएं

हालांकि हरियाणा में फिलहाल यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन अभी सबसे जरूरी डीएपी है. बारिश के कारण राज्य में आलू और सरसों की बुवाई में देरी हुई है. इस वजह से इन दोनों फसलों के लिए भी डीएपी की जरूरत है. वहीं नवंबर के पहले सप्ताह से गेहूं की बुवाई चरम पर रहेगी, तब खाद की सबसे अधिक जरूरत होगी, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है.

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वहीं डीएपी की किल्लत को लेकर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस (Congress) नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने हरियाणा में डीएपी खाद की कमी के लिए खट्टर सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई है. कैथल में एक कार्यक्रम के दौरान सुरजेवाला ने कहा की प्रदेश में डीएपी की भारी कमी है और किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि आज किसानों को खाद थाने में मिल रही है भाजपा (BJP) सरकार ने यह पहली बार नहीं किया है. कांग्रेस के 10 साल के शासन में इस तरह की किसी को भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि खाद जरूरत से ज्यादा उपलब्ध थी.

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पुलिस थाने में डीएपी के लिए धूप में खड़ी महिलाएं

वहीं डीएपी की किल्लत को लेकर हरियाणा सरकार का कुछ और ही मत है. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि हरियाणा में खाद को लेकर सख्ती है, पर कमी नहीं. इस समय सरसों की बिजाई होती है. जिसको लेकर पिछले साल अक्टूबर के मुताबिक 20 लाख से ज्यादा कट्टे खाद मंगवाई गई है. जेपी दलाल ने कहा कि खाद की कमी का भ्रम कालाबाजारी करने वाले फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सख्ती के चलते किसान नहीं, खाद की कालाबाजारी करने वाले परेशान हैं.

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