हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों का बड़ा एलान, नहीं करेंगे 134ए के तहत दाखिले

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Published : Dec 17, 2021, 10:05 PM IST

Haryana Private School Welfare Association

हरियाणा में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने निर्णय लिया कि जब तक शिक्षा विभाग उनकी बकाया राशि जमा नहीं कराता तब तक 134ए के तहत दाखिले नहीं (haryana 134a admission) किए जाएंगे.

भिवानी: हरियाणा प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (Haryana Private School Welfare Association) ने निर्णय लिया कि जब तक शिक्षा विभाग उनकी बकाया राशि जमा नहीं कराती तब तक 134ए के तहत दाखिले (haryana 134a admission) नहीं किए जाएंगे. प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने शुक्रवार को भिवानी में कहा कि एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी कि मीटिंग में प्रदेश स्तर पर ये निर्णय लिया है कि जब तक शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों की पिछले वर्षों की बकाया राशि जारी नहीं करता तब तक हरियाणा में कोई भी प्राइवेट स्कूल वर्तमान सत्र में 134ए के तहत दाखिले नहीं करेगा.

साथ ही, रामअवतार शर्मा ने इतने सालों से 9वीं से 12वीं कक्षाओं में 134ए के तहत फ्री पढ़ रहे बच्चों की भी फीस निर्धारित करने और उसे जारी करने की मांग की. रामअवतार शर्मा ने बताया कि वीरवार को एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक चंडीगढ़ में हुई थी. इसके बाद एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल से मिला था. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातकर मांगों को सुलझाने का कार्य करेंगे.

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रामअवतार शर्मा ने कहा कि हम पिछले पांच वर्षों से लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारीयों से मिलकर उनसे गुहार लगाते रहे हैं कि हमारे पैसे जारी किये जाएँं. यहीं नहीं, हम शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारीयों से लेकर शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं. मुख्यमंत्री ने हमें आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. अब हमारा सब्र जवाब दे चुका है. मुख्यमंत्री के आह्वान पर कोरोना काल में हमने गरीबों में राशन बांटा, मुख्यमंत्री राहत कोष में हर जिले से लाखों रुपए दान भी दिया, लेकिन अब हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बात सुने.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि 134ए के तहत जितने भी दाखिले होते हैं उन सबकी इनकम की जांच होनी चाहिए. प्राइवेट स्कूलों को बच्चे पढ़ाने में कोई दिक्क्त नहीं, हम इतने वर्षों से पढ़ा भी रहे हैं, लेकिन हम ये चाहते हैं कि जो वास्तव में जरूरतमंद और पात्र हैं उन परिवारों के बच्चों को दाखिला मिले. परमिशन और अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को मान्यता लेने के लिए एक मुश्त तीन साल का समय देने की मांग करते हुए रामअवतार शर्मा ने कहा कि इस साल मई में ही शिक्षा विभाग ने नियमों में ढील देने सम्बन्धी लेटर जारी किया था. तब कोरोना के कारण स्कूल बंद थे. ऐसे में इतनी जल्दी स्कूल कैसे मान्यता की शर्तें पूरी कर पाएंगे. इसलिए एसोसिएशन की मांग है कि इन स्कूलों को एक मुश्त तीन साल के लिए मान्यता देकर शर्तें पूरी करने का समय दिया जाये.

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