कृषि मंत्री का अधिकारियों को निर्देश: जलभराव के पानी को निकलवाकर जल्द करवाएं फसलों की बिजाई

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Published : Dec 6, 2022, 1:52 PM IST

Haryana Agriculture Minister JP Dalal

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जल भराव के कारण फसलों की बुआई में हो रही देरी को लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिन जिलों में जलभराव की समस्या है, उन जिले के उपायुक्तों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि, पानी की निकासी जल्द सुनिश्चित करें ताकि किसान समय पर फसलों की बुवाई कर सकें. पढ़ें पूरी खबर... (Sowing of crops in Haryana)

भिवानी: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेश में फसलों की बुवाई को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ बैठक लेते हुए उन सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर जलभराव की स्थिति अभी भी बनी हुई है और इसके कारण किसानों की रबी सीजन की फसल की बिजाई अभी तक नहीं हुई है वहां पर पानी की निकासी तुरंत की जाए. ताकि किसान अपनी फसल की बीजाई कर सकें. (Haryana Agriculture Minister JP Dalal )

कृषि मंत्री जेपी दलाल मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ विभिन्न स्थानों पर जलभराव की समस्या के मुद्दे को लेकर एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अभी भी प्रदेश के 33 हजार 856 एकड़ क्षेत्र में पानी भरा हुआ है, जिनमें से भिवानी का 2640 एकड़, दादरी का 895 एकड़, रोहतक का 650 एकड़ व सोनीपत का 831 एकड़ क्षेत्र जलभराव से ग्रस्त है. (Sowing of crops in Haryana)

उन्होंने कहा कि तकरीबन दो माह पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिए गए थे, लेकिन आज भी कुछ इलाकों में पानी अभी भी खड़ा है. प्रदेश सरकार ने लगभग पांच लाख से अधिक क्षारीय जमीन के पानी को पंप लगाकर बाहर निकाला है तथा उस जमीन को उपयोगी बनाया है. कृषि व सिंचाई विभाग के अधिकारी मिलकर एक ऐसी स्थाई योजना बनाए, जिससे यदि किसी स्थान पर पानी भरता है तो उसको कुछ दिनों में ही निकाला जा सकें.

उपायुक्त नरेश नरवाल ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि भिवानी के 2640 एकड़ क्षेत्र में पानी भरा हुआ है. इसे निकालने के लिए कार्रवाई चल रही है. एक सप्ताह के अंदर ये पानी निकाल दिया जाएगा. उपायुक्त ने सिंचाई विभाग व कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग को निर्देश दिए कि वे जलभराव की स्थिति का स्थाई समाधान के लिए एक परियोजना तैयार करे और इस परियोजना के साथ कॉस्ट-बेनिफिट एनालासिस की रिपोर्ट भी साथ लगाए जिससे मुख्यालय स्तर पर इसकी मंजूरी मिलने में सुविधा हो सके.

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