भिवानी: भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भिवानी जिला के गांव गिगनाऊ में अर्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारत और इजराइल दोनों देशों के लिए एतिहासिक दिन है. यह देश का 30वां बागवानी उत्कृष्टता केंद्र है. तथा यह इंडो-इजराइल तकनीक से बना प्रदेश का 12वां उत्कृष्टता केंद्र है. इससे ना केवल इसी क्षेत्र के बल्कि पूरे हरियाणा के साथ-साथ देशभर के किसानों को फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि यह एक तरह से शोध केंद्र के रूप में विकसित होगा. राजदूत गिलोन रविवार को भिवानी जिला के गांव गिगनाऊ में करीब 50 एकड़ भूमि में बने अर्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र भिवानी के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल एवं मध्य प्रदेश के किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्री कमल पटेल भी मौजूद रहे.
बता दें कि भिवानी जिला के गांव गिगनाऊ में शनिवार उद्घाटन किया गया. बागवानी के उत्कृष्टता केंद्र पर करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए की लागत आई है. इस केंद्र के माध्यम से अब भारत में उत्पादित इजराइल आधारित कृषि तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, ग्रीन हाऊस आदि का प्रदर्शन किया जाएगा. इंडो-इजराइल तकनीक पर आधारित बागवानी उत्कृष्टता केंद्रों में चार करोड़ से अधिक गुणवत्ता वाली सब्जी की पौध व पांच लाख गुणवत्ता वाले फलों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं.
इन केंद्रों पर हर साल एक लाख 20 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण भी मिल रहा है. भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इजराइल ने अपनी तकनीक से रेतीले क्षेत्रों को भी हरा-भरा बनाकर कृषि क्षेत्र में पूरी दूनिया में मिसाल कायम की है. ऐसे केंद्रों की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नए संसाधनों को विकसित करना है जिससे किसान खुशहाल हो.
इस मौके पर हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा में बागवानी के बजट को 100 गुना बढ़ाकर 8 करोड़ से 800 करोड़ रुपए कर दिया है. प्रदेश में 500 एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि 2030 तक 17 लाख एकड़ भूमि पर बागवानी का लक्ष्य रखा गया है. गन्नौर में दुनिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी स्थापित की जा रही है.
जो 500 एकड़ में होगी जिस पर ढाई हजार करोड़ की लागत आएगी और इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि गिगनाऊ में बने उत्कृष्ट केंद्र की महता आने वाले कुछ वर्षों में नजर आएगी. जब इसको देखने के लिए हरियाणा के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों से विद्यार्थी भी आएंगे. यह किसानों के साथ-साथ युवाओं के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस हाईटेक ग्रीन हाउस में 30 से 40 लाख तक सब्जियों की पौध को तैयार किया जाएगा.
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इस मौके पर मध्य प्रदेश के किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पेस्टीसाइड के प्रयोग से खेती जहरीली होती जा रही है. जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी पैदा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर केंद्र सरकार जहरमुक्त खेती पर जोर दे रही है. जीवन, जमीन और पर्यावरण को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है.
इस मौके पर प्रगतिशील किसान सुशील व सज्जन कुमार ने बताया कि इंडो इजरायल आधारित बागवानी केंद्र की स्थापना से अब वे दक्षिण हरियाणा के रेगिस्तानी क्षेत्र में एप्पल बेर, किन्नू, अमरूद, अनार, टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा व बेल की सब्जियों की बेहतर किस्मों को उगा पाएंगे और नई तकनीकों का प्रयोग करने से उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि यहां पर उन्हे बागवानी संबंधी जो ट्रेनिंग मिलेगी, उसका लाभ पूरे क्षेत्र को मिलेगा.
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