बाइडेन, ओबामा, क्लिंटन न्यूयॉर्क में 9/11 की बरसी पर शामिल हुए, एकजुटता की अपील

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Published : Sep 11, 2021, 10:40 PM IST

बाइडेन, ओबामा, क्लिंटन

अमेरिका में आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एकजुटता की अपील की. बाइडेन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन, कांग्रेस के सदस्य, अन्य हस्तियां और पीड़ितों के परिवार उसी स्थान पर एकत्रित हुए जहां पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो बहुमंजिला इमारतें थीं और जिन्हें आतंकवादियों ने अपहृत विमानों को टकराकर ध्वस्त कर दिया था.

न्यूयॉर्क : अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए भयावह हमले की 20वीं बरसी पर मौजूदा राष्ट्रपति और दो पूर्व राष्ट्रपति अपनी पत्नियों के साथ 'नेशनल सेप्टेंबर 11 मेमोरियल' पर एक-दूसरे के पास खड़े हुए, उन्होंने मौन रखा और एकजुटता के प्रदर्शन के साथ राष्ट्र पर हुए हमले की बरसी मनाई.

राष्ट्रपति जो बाइडेन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन, कांग्रेस के सदस्य, अन्य हस्तियां और पीड़ितों के परिवार उसी स्थान पर एकत्रित हुए जहां पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो बहुमंजिला इमारतें थीं और जिन्हें आतंकवादियों ने अपहृत विमानों को टकराकर ध्वस्त कर दिया था.

सभी ने नीले रिबन पहन रखे थे और अपने हाथ छाती के बांयी ओर दिल पर रखे हुए थे. सैकड़ों अमेरिकी इस दौरान उपस्थित थे जिनमें कुछ के हाथों में अपने उन प्रियजनों की तस्वीरें थीं जो इस हमले में मारे गए.

कार्यक्रम शुरू होने से पहले एक विमान ने ऊपर से उड़ान भरी. जिस समय आतंकवादियों ने चार विमानों से हमले को अंजाम दिया था, उस समय बाइडेन सीनेट सदस्य थे. अब वह पहली बार कमांडर-इन-चीफ के रूप में 9/11 की बरसी में शामिल हुए.

बाइडेन ने कहा, 'मेरे खयाल से 11 सितंबर को लेकर मुख्य सबक यही है, एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है.' वहीं, बाइडेन ने अपने वीडियो संदेश में कहा, 'चाहे कितना भी वक्त क्यों न बीत जाए लेकिन ये उस दर्द की याद ऐसी ही ताजा कर देते हैं जैसे कि आपको यह खबर कुछ सेकेंड पहले ही मिली हो.'

राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रेस सचिव रहे रॉबर्ट गिब्स ने कहा कि बाइडेन के लिए यह 'एक ऐसा पल है जब लोग उन्हें डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में देखें.'

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उन्होंने कहा, 'बीते कुछ हफ्तों में लोगों ने अफगानिस्तान मामले में जो कुछ देखा उसे लेकर वे संशय में हैं. बाइडेन के लिए यह समय है सबकुछ पुन: व्यवस्थित करने का. लोगों को यह याद दिलाने का कि कमांडर-इन-चीफ होने के क्या मायने हैं और ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर देश का नेता होने का क्या मतलब होता है.'
बाइडेन पर अब वह जिम्मेदारी है जो उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों की थी-भविष्य में किसी भी त्रासदी को रोकना और आतंकवाद का खतरा बढ़ने के साथ उन्हें यह करना ही होगा क्योंकि अमेरिका के सैनिकों की उस देश से वापसी हो चुकी है जहां से 11 सितंबर के हमलों को अंजाम दिया गया था. जब ये हमले हुए थे जब राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश स्कूली बच्चों के साथ थे.
बयां किया दर्द

थिया त्रिनिदाद जिन्होंने इन हमलों में अपने पिता को खो दिया था, उन्होंने कहा कि 'यह मुश्किल है क्योंकि उम्मीद थी कि समय बदलेगा, दुनिया अलग होगी लेकिन कभी-कभी इतिहास अपने को दोहराने लगाता है.' त्रिनिदाद तब दस वर्ष की थी जब जलते ट्रेड सेंटर से उनके पिता ने उनकी मां को अंतिम बार फोन किया था और अलविदा कहा था.
3,000 लोग मारे गए थे
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को आतंवादियों ने विमानों का अपहरण कर लिया था और अमेरिकी धरती पर अब तक के सबसे भयावह आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था, विमानों से हमला करके ट्विन टॉवर गिरा दिए थे। इन हमलों में करीब 3,000 लोग मारे गए थे.

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अमेरिका में दर्दनाक हमले की 20वीं बरसी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की पृष्ठभूमि में मनाई जा रही है. इसे विडंबना ही कहेंगे कि अफगानिस्तान पर फिर उन्हीं लोगों का कब्जा हो गया है जिन्होंने 11 सितंबर 2001 में हुए हमले के साजिशकर्ताओं को पनाह दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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