रोहतक में 'सरकारी मुर्दा' ने लगाया दरबार, बोला मैं जिंदा हूं मेरी पेंशन मत काटो

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Published : Sep 13, 2022, 8:51 PM IST

ld man protest for pension in Rohtak

सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित किये गये रोहतक के दुलीचंद ने बारात निकालने के बाद अब दरबार लगाकर बैठे हैं. उनके साथ कई और भी बुजुर्ग हैं जिनकी पेंशन काट दी गई. 102 वर्षीय दुलीचंद को मृत बताकर उनकी पेंशन काट दी गई. जिसके बाद से वो लगातार सरकारी विभाग के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

रोहतक: हरियाणा के रोहतक में पेंशन काटे जाने पर रथ में बैठकर बारात निकालने वाले 102 वर्षीय दुलीचंद ने मंगलवार को सेक्टर-6 में दरबार लगाया. जिसमें रोहतक और आसपास के जिलों के लोग वहां पहुंचे. यह वो लोग थे जिन्हें सरकार ने मृत घोषित कर दिया था. दुलीचंद के दरबार में 17 महिला और पुरुष (Rohtak Dulichand darbar for pensioners) पहुंचे. जिनमें 4 विकलांग भी शामिल थे. साथ ही चार विधवा महिलाएं भी थी, जिनके मृत पति को जिंदा दिखाकर पेंशन काट दी गई. बता दें कि दुलीचंद को मृत घोषित कर उनकी वृद्धा पेंशन को काटा जा रहा था. तब मृत घोषित दुलीचंद ने खुद जिंदा बताने के लिए एक नायाब तरीका इजात किया था. उन्होंने खुद को जिंदा दिखाने के लिए अपनी ही बारात (alive man declared dead in rohtak) निकाली थी.

दरअसल, रोहतक के गांधरा गांव के 102 वर्षीय दुलीचंद की वृद्धा पेंशन काट दी गई थी. इसके बाद दुलीचंद ने आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद से संपर्क किया. फिर दुलीचंद ने खुद को जीवित बताने के लिए रोहतक शहर में बाकायदा रथ पर बारात (Procession for pension in rohtak) निकाली. उनकी बारात में ग्रामीण नाचते और नोट उड़ाते नजर आए थे. बाद में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर को मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. पूर्व मंत्री ने एडीसी महेंद्र पाल को बुलाकर मामले की जांच के लिए कहा. खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में यह मामला आया. तब कहीं जाकर दुलीचंद की वृद्धा पेंशन दोबारा शुरु हो (old man protest in Rohtak) सकी.

रोहतक में जीवित बुजुर्ग हुए मृत घोषित

मंगलवार को दुलीचंद के दरबार में सुंदरपुर गांव की 90 वर्षीय बेदो पहुंची, जिन्हें मृत घोषित कर पेंशन काट दी (old man protest for pension in Rohtak) गई है. उनका कहना है कि वे हर जगह चक्कर काट चुकी हैं लेकिन दोबारा पेंशन शुरू नहीं हुई. सुनारिया चौक निवासी 76 वर्षीय हवा सिंह की भी मृत घोषित कर 7 माह से पेंशन काट दी गई है. वे सीएम विंडो से लेकर हर जगह गुहार लगा चुके हैं. उनका आय का कोई दूसरा साधन नहीं है. लेकिन कोई भी अधिकारी सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं है. पाड़ा मोहल्ला बीना देवी के पति का निधन हो चुका है. उन्हें विधवा पेंशन मिलती थी लेकिन पिछले 6 माह से यह पेंशन यह कहकर बंद की गई कि उनके पति जिंदा (people protest To prove himself alive) हैं. बीना ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से भी गुहार लगाई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.

सोनीपत के धनाना गांव के कृष्ण विकलांग हैं. 15 अप्रैल 2022 को उन्हें मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी गई. उसके बाद तो वे सरपंच और नंबरदार से भी लिखवा कर दे चुके हैं कि वह जिंदा हैं. लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार ही नहीं है.

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