Dilapidated school building in Palwal: हादसे को न्योता दे रहा स्कूल का जर्जर भवन, टूटी छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर मासूम

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Published : Sep 22, 2022, 9:56 AM IST

Dilapidated school building in Palwal

पलवल के बंचारी गांव (Banchari Village Of Palwal) में स्थित शहीद बीरबल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की हालत इस तरह से बनी हुई है कि इसको देखकर सभी लोग हैरान रह जाएंगे. इस स्कूल में 300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं और इस स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है,

पलवल: हरियाणा के पलवल के बंचारी गांव में स्थित शहीद बीरबल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की इमारतें पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुकी हैं. इस स्कूल में 300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है. लेकिन स्कूल की हालत ऐसी है कि इस स्कूल में पढ़ाई करने वाले मासूम छात्र छात्राएं दहशत के बीच पढ़ाई को मजबूर (Innocent Forced To Study Amidst Panic) हैं. इस स्कूल में लगभग 24 कमरे हैं. जिनमें से 18 कमरों की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है.

स्कूल के इन कमरों में हर वक्त छत टूट टूट कर नीचे गिरती रहती है. जिस वजह से आए दिन इसमें पढ़ने वाले छात्र छात्राएं घायल होते रहते हैं. मासूमों की जिंदगी पर मौत का संकट मंडरा रहा है. लेकिन, शिक्षा विभाग के अफसरों पर इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इस सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का काम चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग नींद की आगोश में है.

स्कूल के छात्रों से जब जर्जर छत के नीचे बैठकर पढ़ने के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने सहम कर जबाब दिया डर तो बहुत लगता है. लेकिन, क्या करें बहुत सारे बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं. सब इसी बिल्डिंग और छत के नीचे पढ़ते हैं. छात्र छात्राओं का कहना है कि वह जब कमरों के अंदर बैठकर पढ़ाई करते हैं तो उनको यह डर लगा रहता है कि कहीं छत टूट कर उनके ऊपर नहीं गिर पड़े. अध्यापक जब उनको पढ़ाते हैं तो उनको आधा ध्यान छत की तरफ रहता है और आधा ध्यान पढ़ाई पर रहता है .

वहीं गांव वालों का कहना है कि उनको हर वक्त भय लगा रहता है कि उनके बच्चे ऐसे स्कूल में पढ़ते हैं जिसके कमरे पूरी तरह से जर्जर है. कभी उनके बच्चों के साथ कोई घटना घटित हो सकती है. गांव वालों का कहना है कि जब तक उनके बच्चे स्कूल से लौटकर घर नहीं पहुंच जाते तब तक उनको भय लगा रहता है. क्योंकि कई बार कई बच्चे छत गिरने की वजह से घायल हो चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर नेताओं, मंत्रियों और जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है. 5 सालों से उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

वहीं जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि गांव बंचारी के सरकारी स्कूल का जल्द ही टेंडर लगने वाले है. टेंडर लगते ही स्कूल के कमरों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है और स्कूल को भव्य रूप से बनाया जाएगा.

शहीद बीरबल के नाम पर है विद्यालय का नाम- बंचारी गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को 30 नवंबर 1998 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शौर्य चक्र विजेता शहीद बीरबल के नाम कर दिया. शहीद के नाम विद्यालय का नामकरण तो हो गया लेकि प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने विद्यालय की सुविधाओं की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया. विद्यालय में 350 छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए आते हैं लेकिन उनके साथ कब हादसा हो जाए. यह उन्हें नहीं पता.

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