सोनीपत में बीकेयू की बैठक में लिया गया फैसला, किसान 28 सितंबर को करेंगे सरकार के खिलाफ अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन

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Published : Sep 21, 2022, 11:58 AM IST

Updated : Sep 21, 2022, 3:42 PM IST

सोनीपत में बीकेयू की बैठक

भारतीय किसान यूनियन फिर से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाली है. बीकेयू ने सोनीपत बैठक कर 28 सितंबर को अर्धनग्न होकर सरकार के खिलाफ पूरे हरियाणा में विरोध (Farmers protest in Haryana) प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन मे किये वादे पूरे नहीं किये हैं. जिसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा.

सोनीपतः हरियाणा के सोनीपत की छोटू राम धर्मशाला में बीकेयू की बैठक (BKU meeting in Sonipat) हुई. बैठक में किसान नेता गुरनाम सिंह पहुंचे. बैठक में किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में रणनीति बनाई. किसानों ने बताया कि आने वाली 28 सितंबर को किसान सभी जिला मुख्यालयों पर अर्धनग्न होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Farmers half naked protest in Haryana) करेंगे. गाय में आई लंपी बीमारी पर किसान नेता ने सरकरा व गो सेवकों पर निशाना साधा.

किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि क्या गो सेवक बदमाशी करने और गौ माता के नाम पर फायदा उठाने के लिए ही बने हैं. उन्हें आगे आकर गौ माता की सेवा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को भी जल्द इस बीमारी की दवा बनानी चाहिए और फ्री में गायों का इलाज करना चाहिए. किसान नेता गुरनाम सिंह (Farmer leader Gurnam singh ) ने कहां की वह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूपरेखा तैयार की गई है. किसान अपनी मांगों को लेकर 28 सितंबर को जिला मुख्यालय पर अर्धनग्न होकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान जो भी वादे हुए थे सरकार उन पर खरा नहीं उतरी. सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. जिसका नुकसान सरकार को चुनाव में भुगतना पड़ेगा. वहीं केंद्र सरकार चीते लेकर आई है लेकिन इतना प्रचार गलत है. इसे बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि गो सेवक गाय के नाम पर सिर्फ बदमाशी करते हैं. अगर कोई दूध के लिये भी गाय लेकर जाता है तो उसकी गाड़ी रुकवा कर भी गाय को उतार लेते हैं.

उन्होंने कहा की गो सेवकों को गाय की सेवा करनी चाहिए. क्योंकि वो गाय के नाम पर ही लाइसेंस बनवाते हैं और सरकार की सुविधाएं लेते हैं. ऐसे में उनका आगे आकर गौ माता की अपनी जेब से रुपये खर्च करे सेवा करनी चाहिये ताकि पता चले कि वो कितने बड़े को सेवक हैं. उन्होंने कहा कि आढ़तियों की हड़ताल गलत नहीं है. सरकार को उनकी मांगों के बारे में सोचना चाहिए और उन्हें जल्द पूरा करना चाहिए. वहीं आढ़तियों को भी सोचना चाहिए कि जो किसान अपनी फसल लेकर पहुंच रहा है वह भीगने ना पाए.

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Last Updated :Sep 21, 2022, 3:42 PM IST
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