World Heart Day 2022: बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, 100 में से 50 यूथ शामिल

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Published : Sep 29, 2022, 3:55 PM IST

World Heart Day 2022

29 सितबंर वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है. विश्व हृदय दिवस 2022 पर कैंप आयोजित कर ह्रदय से जुड़े रोगों और उसके लक्षण और बचाव को लेकर जागरुक किया जाता है. आजकल दिल की बीमारी कम उम्रे के लोगों को भी होने लगी है. हृदय विशेषज्ञ का कहना है कि बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि युवाओं भी हार्ट अटैक होने का खतरा बना रहता है.

हिसार: आज दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हृदय रोग का शिकार न सिर्फ बुजुर्ग हो रहे हैं बल्कि युवाओं में भी इसका खतरा ज्यादा हो गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज) दुनियाभर में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है. सीवीडी के दो सबसे आम प्रकार हैं. कोरोनरी हृदय रोग (दिल का दौरा पड़ने वाले) और सेरेब्रोवास्कुलर रोग (स्ट्रोक के लिए मुख्य कारक) पिछले कुछ वर्षों में हृदय की समस्याओं से पीड़ित युवा रोगियों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है. पिछले समय में जहां हृदय रोगों से पीड़ित 100 में से 10 रोगी युवा होते थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 100 में से 50 का हो गया है. युवाओं में हृदय रोगों के बढ़ने का मुख्य कारण लाइफ स्टाइल में बदलाव (Heart attack risk in youth) है.

खान-पान में बदलाव मुख्य वजह: हृदय संबंधी बीमारियों के लिए खाने-पीने में बदलाव बहुत हद तक जिम्मेदार है. डॉ. अनुज गोयल के मुताबिक पुराने समय में लोग मोटा अनाज खाते थे और तला हुआ समान बहुत कम खाते थे. लेकिन अब वर्तमान समय में हम जंक फूड और प्रोसेस खाना ज्यादा खाते हैं. खाने में रासायनिक पदार्थों का ज्यादा उपयोग होने लगा है, इनसे शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं. जो बीमारी का कारण बनता है. इसके अलावा तनाव का होना इस तरह की बीमारियों के लिए बेहद जिम्मेवारहै. पुराने समय में बड़ी फैमिली होती थी दोस्तों का सपोर्ट होता था लेकिन आज कंपटीशन भरी जिंदगी के कारण युवा स्ट्रेस में है. यह भी युवाओं में हृदय संबंधी रोग बढ़ने का कारण है.

हृदय रोग विशेषज्ञ हिसार

बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई हार्ट डिजीज: हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुज गोयल (Cardiologist in Hisar) ने बताया कि पुराने समय में कहा जाता था कि दिल की बीमारियां बुजुर्गों की बीमारियां हैं, लेकिन दिल की बीमारियां अब बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही. आलस्य भरी जीवनशैली और मोटापा, तनाव और जंक फूड के सेवन आदि जैसे कारणों से युवाओं में भी हृदय संबंधी समस्याएं अधिक होती जा रही हैं. विशेषतौर पर शुरुआत में लोग सामान्य बीमारी हार्ट की बीमारी को अनदेखा करते हैं. लोग केवल छाती में दर्द होना ही हार्ट अटैक का लक्षण मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है.

हार्ट अटैक के लक्षण: डॉ. अनुज गोयल के मुताबिक हार्ट अटैक के अन्य भी बहुत से लक्षण होते (symptoms of heart attack) हैं. जैसे छाती में भारीपन, दबाव या दर्द होना, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना, थकान और कमजोरी फील होना, लगातार सांस का फूलना, हार्ट बीट बढ़ना-घटना, अचानक चक्कर और पसीना आना, शरीर पर सूजन आना शामिल है. हृदय संबंधी बीमारियां जेनेटिक भी होती हैं, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना जेनेटिक भी हो सकता है. यदि माता-पिता में से किसी को भी 55 साल से पहले हार्ट अटैक हुआ हो तो बच्चों में इसकी आशंका कई गुना बढ़ जाती है. बच्चों में खानपान की आदतें सामान होती है. इसलिए हर महीने बच्चों की डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.

हृदय रोग से बचाव : (heart disease prevention) ज्यादा पका हुआ तला भुना खाना और जंक फूड से बचें. कम से कम घी, तेल और मक्खन का इस्तेमाल करें. खाने में पचास परसेंट सब्जियों, फल का इस्तेमाल करें. इसके आलाव सात रंग के फल और सब्जियों का सलाद रेगुलर अपने खाने में शामिल करें.हाई फाइबर वाली चीजें ज्यादा ग्रहण करें. रोजाना व्यायाम करना चाहिए.

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