चंडीगढ़: देश के अन्य राज्यों की सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए लुभावनी पॉलिसी लेकर आ रही हैं. इस लुभावनी पॉलिसी में सब्सिडी के साथ इंसेंटिव भी शामिल किया गया है. वहीं हरियाणा सरकार की ओर से भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दी जा चुकी है. हरियाणा में विकास की गति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण को भी ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं. निर्देश के बाद उद्योग और वाणिज्य विभाग ने 8 जुलाई 2022 को हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 अधिसूचना भी जारी कर दी है.
हरियाणा में इलेक्ट्रिक-वाहनों की बढ़ेगी सेल-स्पीड: मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर तैयार की गई इस पॉलिसी से राज्य में बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक-वाहनों की सेल-स्पीड बढ़ने की पूरी उम्मीद है. सरकार जहां लोगों को इलेक्ट्रिक-वाहनों के प्रयोग के लिए जागरूक रही है, वहीं इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता कंपनियों ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इन वाहनों को तैयार किया है. केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2015 में द फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम) स्कीम भी शुरू की थी, जिसे बाद में वर्ष 2019 में देश में पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के तहत आगे बढ़ा दिया गया. हरियाणा सरकार ने भी केंद्र सरकार की नीति का समर्थन करते हुए अपनी पॉलिसी हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 बनाई है.
इलेक्ट्रिक-व्हीकल निर्माताओं के लिए क्या है बोनांजा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक-वाहन के निर्माताओं को अपने उद्योग स्थापित करने और पहले से स्थापित उद्योग को इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माण के लिए परिवर्तन करने के लिए कई छूट देने की पॉलिसी में योजना बनाई है ताकि अधिक से अधिक निर्माता हरियाणा की ओर उद्योग लगाने के लिए आकर्षित हो सकें.
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक-वाहन बनाने के साथ ही वाहन की बैट्री, उपकरण और चार्जिंग स्टेशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने से संबंधित उद्योग लगाने वालों को भी पॉलिसी में विशेष बोनांजा दिया है. पॉलिसी के मुताबिक किसी यूनिट में लगने वाली फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट में से कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. प्रदेश सरकार की हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 के मुताबिक राज्य में माइक्रो इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 20 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 25 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रूपए, जो भी कम होगा उसकी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी.
इसी प्रकार, स्मॉल इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 10 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 40 लाख रूपए, जो भी कम होगा, मिडियम इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 5 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रूपए, जो भी कम होगा उसकी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. ‘लार्ज इंडस्ट्री’ की कैटेगरी में पहली 2 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 10 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रूपए, जो भी कम होगा और मेगा इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 3 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रूपए की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. छूट के लिए उद्योगों के इन वाहनों में दोपहिया, तिपहिया, चार-पहिया, बस, हैवी व्हीकल शामिल हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि राज्य सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाना है. जिससे कार्बन फुटप्रिंट को कम हो सके. उन्होंने बताया कि हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करने में योगदान देना भी है.
चंडीगढ़: देश के अन्य राज्यों की सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए लुभावनी पॉलिसी लेकर आ रही हैं. इस लुभावनी पॉलिसी में सब्सिडी के साथ इंसेंटिव भी शामिल किया गया है. वहीं हरियाणा सरकार की ओर से भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दी जा चुकी है. हरियाणा में विकास की गति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण को भी ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं. निर्देश के बाद उद्योग और वाणिज्य विभाग ने 8 जुलाई 2022 को हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 अधिसूचना भी जारी कर दी है.
हरियाणा में इलेक्ट्रिक-वाहनों की बढ़ेगी सेल-स्पीड: मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर तैयार की गई इस पॉलिसी से राज्य में बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक-वाहनों की सेल-स्पीड बढ़ने की पूरी उम्मीद है. सरकार जहां लोगों को इलेक्ट्रिक-वाहनों के प्रयोग के लिए जागरूक रही है, वहीं इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता कंपनियों ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इन वाहनों को तैयार किया है. केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2015 में द फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम) स्कीम भी शुरू की थी, जिसे बाद में वर्ष 2019 में देश में पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के तहत आगे बढ़ा दिया गया. हरियाणा सरकार ने भी केंद्र सरकार की नीति का समर्थन करते हुए अपनी पॉलिसी हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 बनाई है.
इलेक्ट्रिक-व्हीकल निर्माताओं के लिए क्या है बोनांजा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक-वाहन के निर्माताओं को अपने उद्योग स्थापित करने और पहले से स्थापित उद्योग को इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माण के लिए परिवर्तन करने के लिए कई छूट देने की पॉलिसी में योजना बनाई है ताकि अधिक से अधिक निर्माता हरियाणा की ओर उद्योग लगाने के लिए आकर्षित हो सकें.
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक-वाहन बनाने के साथ ही वाहन की बैट्री, उपकरण और चार्जिंग स्टेशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने से संबंधित उद्योग लगाने वालों को भी पॉलिसी में विशेष बोनांजा दिया है. पॉलिसी के मुताबिक किसी यूनिट में लगने वाली फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट में से कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. प्रदेश सरकार की हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 के मुताबिक राज्य में माइक्रो इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 20 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 25 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रूपए, जो भी कम होगा उसकी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी.
इसी प्रकार, स्मॉल इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 10 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 40 लाख रूपए, जो भी कम होगा, मिडियम इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 5 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रूपए, जो भी कम होगा उसकी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. ‘लार्ज इंडस्ट्री’ की कैटेगरी में पहली 2 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 10 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रूपए, जो भी कम होगा और मेगा इंडस्ट्री की कैटेगरी में पहली 3 इकाइयों को फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रूपए की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. छूट के लिए उद्योगों के इन वाहनों में दोपहिया, तिपहिया, चार-पहिया, बस, हैवी व्हीकल शामिल हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि राज्य सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाना है. जिससे कार्बन फुटप्रिंट को कम हो सके. उन्होंने बताया कि हरियाणा इलेक्ट्रिक-व्हीकल पॉलिसी-2022 का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करने में योगदान देना भी है.