हरियाणा में बारिश से करीब एक लाख एकड़ फसल खराब, जेपी दलाल ने कहा- प्रभावित किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

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Published : Sep 23, 2022, 10:39 PM IST

हरियाणा में खरीफ फसल खरीद

हरियाणा में खरीफ फसल खरीद (Crop procurement in Haryana) एक अक्टूबर से शुरू हो रही है. किसान सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं. किसानों का कहना है कि मंडी में फसल आ चुकी है, इसलिए सरकार को खरीद तुरंत शुरू करनी चाहिए. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जानकारी दी कि करीब एक लाख एकड़ फसल खराब होने की सूचना मिली है. प्रभावित किसानों को सरकार मुआवजा देगी.

चंडीगढ़: हरियाणा में खरीफ फसलों की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी. किसानों को कोई दिक्कत ना आए इसके लिए राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ काम कर रही है. मुख्यमंत्री खुद खरीद प्रक्रिया की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. राज्य सरकार ने उन किसानों के लिए मेरा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल 3 दिनों के लिए दोबारा खोला है जो किसान अपनी फसल का पंजीकरण नहीं करवा पाए थे.

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि 1 अक्टूबर से हरियाणा में धान की खरीद शुरू हो जाएगी और किसानों के खाते में सीधी पेमेंट होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी पर ही धान की खरीद होगी. इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने मंडियों में इस बार धान की ढुलाई सहित सीधी पेमेंट की पूरी तैयारी कर ली है.

इन सब के बीच जो सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है वो ये है कि आढ़तियों ने हड़ताल कर रखी है. जिसको लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल कहते हैं कि कुछ लोग किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले हैं. वे कहते हैं कि यह वह लोग हैं जो जैसे ही फ्री का समय आता है हड़ताल और नारेबाजी करने लग जाते हैं. कृषि मंत्री कहते हैं कि ये समय किसानों की मेहनत का मूल्य मिलने का है. इसलिए ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर हड़ताल जारी रहती है तो सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करेगी. प्रशासन खुद खरीद शुरू करवाएगा और किसान को उसकी फसल की कीमत मिलेगी. दरअसल प्रदेश की मंडियों में काम करने वाले आढ़ती ई नेम की मंडियों का विरोध कर रहे हैं.

क्या है ई-नेम मंडी- कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब भी कोई किसान एमएसपी से अलग कोई फसल मंडी में लेकर आता है, यानी जो फसल मंडी में एमएसपी पर नहीं खरीदी जाती तो उसके प्रोडक्ट को सर्टिफाई करके अपलोड करना होता है. इसके बाद देश की कोई भी मंडी जो ई नेम से जुड़ी होती है वह उसके प्रोडक्ट पर बोली लगाकर उसको खरीद सकती है. इससे किसान की फसल को किसी भी मंडी में खरीदार जहां पर ज्यादा दाम में खरीद रहा होगा उसको बेचा जा सकता है. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि इससे आढ़तियों को कोई नुकसान नहीं होगा. उनकी आढ़त फिर भी मिलेगी.

मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को लेकर एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे यहां 80 लाख एकड़ में फसल होती है. हमारी कोशिश रहती है कि हमें पूरी जानकारी रहे कि कितने एकड़ में कौन सी फसल बोई गई है. इससे हरियाणा के ही किसानों की फसल हरियाणा की मंडियों में बिके यह प्रयास रहता है. हमारी मंडियां, हमारा सिस्टम और हमारा खजाना हरियाणा के किसानों के लिए है. जेपी दलाल ने कहा कि जो किसान पोर्टल पर जानकारी नहीं दे पाए उनके लिए फिर से 2 से 3 दिन के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को खोला गया है.

वहीं फसलों के खराबे पर जेपी दलाल ने कहा कि भूमि किसानों को मुआवजा बीमा कंपनियों से दिया जाएगा. जबकि बाकी किसानों की गिरदावरी हो चुकी है. उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि सरकार को 1 लाख एकड़ के करीब फसल खराब होने की सूचना मिली है. जिनकी फसल खराब हुई है उनको मुआवजा दिया जायेगा. सरकार ने विपणन सत्र 2022- 23 के दौरान धान, बाजरा, मक्का, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली अरहर और उड़द आदि फसलों की खरीद के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की हुई है. इसके लिए प्रदेश में 100 के करीब मंडिया बनाई गई हैं.

इस बार खरीफ की फसल में खासतौर पर मूंग का उत्पादन 41 हजार मीट्रिक टन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं उड़द का उत्पादन 364 मीट्रिक टन होने का अनुमान है. वहीं मूंगफली 10 हजा 11 मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. इस साल केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही घोषित किए हुए हैं. इन्हीं के मुताबिक प्रदेश की मंडियों में किसानों की फसल खरीदी जाएगी. मूंग का समर्थन मूल्य 6 हजार 6 सौ रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है. जबकि उड़द का भी 6 हजार 6 सौ रुपए प्रति क्विंटल है. अरहर के दाम भी 6600 रुपए प्रति क्विंटल रखे गए हैं. जबकि तिल की कीमत 7 हजार 830 रूपए प्रति क्विंटल है. मूंगफली के दाम भी तय किए गए हैं. इस बार प्रति क्विंटल मूंगफली के दाम 5850 रूपए रखे गए हैं.

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