AAP Mission Haryana: सांसद, विधायक समेत आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले हैं ये दिग्गज नेता ?

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Published : May 23, 2022, 8:38 PM IST

Updated : May 23, 2022, 11:07 PM IST

AAP Mission Haryana

पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP Mission Haryana) की नजर हरियाणा पर है. पार्टी नेता हरियाणा में पूरे जोर शोर से जनाधार बनाने में जुट गये हैं. समय बदलता देख दूसरे दल के नेताओं के आप में शामिल होने का सिलसिला रफ्तार पर है. छोटे से लेकर बड़े नेता भी आप का दामन थाम रहे हैं. हाल में रोहतक में हुए एक आप नेता के कार्यक्रम में दूसरी पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए.

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव में आई आम आदमी पार्टी की आंधी का असर अब हरियाणा तक दिखने लगा है. पंजाब में AAP को मिले प्रचंड बहुमत ने हरियाणा में भी सियासी फिजा बदल दिया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में तो अभी वक्त है लेकिन नेताओं के दल बदल का सिलसिला परवान पर है. बड़े-बड़े नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं पर यकीन करें तो सांसद और विधायक समेत कई बड़े नेता जल्द ही AAP में शामिल होने वाले हैं.

पिछले महीने अप्रैल में कांग्रेस के पूर्व नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले नेता निर्मल सिंह (nirmal singh joins aam admi party) दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये थे. उनके साथ उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. मूलरूप से अंबाला के रहने वाले निर्मल सिंह नेता के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं. उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से हरियाणा की सियासत पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है. निर्मल सिंह अपने करियर में 4 बार नागल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और अलग-अलग समय में पशुपालन, पीडब्ल्यूडी और राजस्व राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1996 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जेल में रहते हुए चुनाव लड़े और जीत दर्ज की.

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पूर्व कांग्रेसी नेता निर्मल सिंह भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके है.

निर्मल सिंह से पहले अप्रैल महीने में ही हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. अशोक तंवर राहुल गांधी के करीबी माने जाते रहे हैं. हरियाणा की सिरसा लोकसभा से वो सांसद भी रह चुके हैं. वो हरियाणा में एक बड़े दलित चेहरा भी हैं. आम आदमी पार्टी से पहले वो ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. अशोक तंवर के शामिल होने से आम आदमी पार्टी को दलित वोट मिलने की संभावना है.

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सियासी गलियारों में अब चर्चा है कि हरियाणा में पंजाब जैसे उलटफेर की उम्मीद लगाये अब कई नेता आम आदमी पार्टी में शामिल होने की तैयारी में हैं. 22 मई को रोहतक में भगवान परशुराम की जयंती (parshuram jayanti rohtak) मनाई गई. रोहतक के पहरावर गांव में भगवान परशुराम जयंती समारोह का आयोजन आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद (Naveen Jaihind) ने किया था. इस समारोह में रोहतक से बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा, महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स और नारनौंद से जननायक जनता पार्टी के विधायक विधायक रामकुमार गौतम ने भी शिरकत की.

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हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर आप का दामन थाम चुके हैं.

अरविंद शर्मा- सबसे ज्यादा दिलचस्प रहा इस कार्यक्रम में शामिल हुए बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा (Arvind Kumar Sharma) का बयान. अरविंद शर्मा ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. यही नहीं रोहतक से विधायक और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को उन्होंने मूर्ख तक बता दिया. मनीष ग्रोवर को मंदिर में बंधक बनाये जाने के बाद कभी अरविंद शर्मा ने कहा था कि उनकी तरफ उठने वाले हाथ को काट लिया जायेगा.

अरविंद शर्मा रोहतक में गौड़ संस्था को दी गई जमीन सरकार द्वारा वापस लिये जाने से नाराज थे. हलांकि राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अरविंद शर्मा हरियाणा में बदलते माहौल को देखकर पाला बदलने की कोशिश में हैं. वो 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. उससे पहले वो बहुजन समाज पार्टी में थे और हरियाणा में बीएसपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे.

अरविंद शर्मा ने बीजेपी के टिकट पर 2019 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले रोहतक में उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हराया था. अरविंद शर्मा पहले भी करनाल से दो बार और सोनीपत से एक बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. 2014 विधानसभा चुनाव में यमुनानगर से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े अरविंद शर्मा अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये थे. जिस तरीके से अरविंद शर्मा आम आदमी पार्टी नेता नवीन जयहिंद के कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया उससे कयास लगाये जा रहे हैं कि वो भी आप का दामन थाम सकते हैं.

रामकुमार गौतम- आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद के कार्यक्रम में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम भी शामिल हुए थे. रामकुमार गौतम (Ram Kumar Gautam) हिसार की नारनौंद सीट से विधायक हैं. 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के बड़े नेता कैप्टन अभिमन्यु को हराया था. रामकुमार गौतम अपनी पार्टी से नाराज रहते हैं. जेजेपी को वो एक परिवार की पार्टी भी बता चुके हैं.

बलराज कुंडू- रोहतक की महम विधानसभा सीट से बलराज कुंडू (Balraj Kundu) विधायक हैं. कुंडू पहले बीजेपी में ही थे लेकिन बाद में पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते. बलराज कुंडू का रोहतक में अच्छा जनाधार है और भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ हमेशा हमलावर रहते हैं. बलराज कुंडू के खिलाफ सीबीआई में मामला भी चल रहा है. उनके कई ठिकानों पर सीबीआई के छापे भी पड़ चुके हैं. सीबीआई की इस कार्रवाई को कुंडू ने बीजेपी की साजिश करार दिया था. बलराज कुंडू के भी आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चायें चल रही हैं.

कुलदीप वत्स- हरियाणा की झज्जर जिले की बादली सीट से विधायक कुलदीप वत्स (Kuldeep Vats) कांग्रेसी नेता हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा के बड़े नेता ओम प्रकाश धनखड़ को हराया था. नवीन जयहिंद के कार्यक्रम में वत्स भी शामिल हुए थे. माना जा रहा है कि कुलदीप वत्स भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

अरविंद केजरीवाल तो पार्टी के गठन के साथ ही हरियाणा में एंट्री करने की कोशिश कर रहे हैं. एक वो खुद हरियाणा से हैं और दूसरा दिल्ली हरियाणा से सटा है. इसलिए हरियाणा में केजरीवाल अपनी राजनीति पहले दिन से ही चमकाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब की जीत के बाद हरियाणा की राजनीति पर इसका असर जरूर पड़ेगा. खासतौर पर उन इलाकों में जो इलाके पंजाब के साथ जुड़े हुए हैं. जैसे पंजाब के भटिंडा, संगरूर, पटियाला जैसे कई जिले हरियाणा की सीमा से सटे हुए हैं. गुरमीत सिंह, राजनीतिक, विश्लेषक

केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP Mission Haryana) के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसका बहुत बड़ा जनाधार हो. इतने कम वक्त में हरियाणा के लोगों का विश्वास पाना थोड़ा मश्किल रहेगा. हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस, जेजेपी और इनेलो को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा. क्योंकि ये सभी पार्टी हरियाणा में पैर जमा चुकी है. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का हरियाणा में अभी कोई जनाधार नहीं है. पंजाब में आप के सांसद और विधायक पहले भी जीत चुके थे. लेकिन जिस तरह से नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं उससे अगल विधानसभा चुनाव में बड़ा फेरबदल होने से इनकार नहीं किया जा सकता.

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2019 विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिला वोट प्रतिशत.

देश में क्षेत्रीय दलों के नए उभार ने राजनीतिक दिशा को बदल दिया है. चुनाव से पहले तक पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को राजनीतिक पंडित समझ नहीं पाये थे. हरियाणा में ये राह मुश्किल जरूर है लेकिन कहते हैं एक जीत कई साथी लेकर आती है. राजनीति अपार आकांक्षाओं और संभावनाओं का खेल है. इसलिए हरियाणा के संबंध में भी ये असंभव नहीं है. राजनीति के जानकारों का भी कहना है कि पंजाब के बाद हरियाणा के कई बड़े चेहरे आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो अगले चुनाव की तस्वीर बदल सकती है.

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Last Updated :May 23, 2022, 11:07 PM IST
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