अमरनाथ यात्रा में लागू होगा इंदौर का स्वच्छता मॉडल, तीर्थ क्षेत्र को कचरा मुक्त बनाने का प्रयास

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Published : May 29, 2023, 10:59 PM IST

Cleanliness campaign in Amarnath Yatra

देशभर के तीर्थ यात्रियों के लिए 1 जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा इस साल कचरा मुक्त रहेगी. अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरे यात्रा मार्ग में इंदौर का स्वच्छता मॉडल लागू होगा.

अमरनाथ यात्रा में लागू होगा इंदौर का स्वच्छता मॉडल

इंदौर। देशभर के तीर्थ यात्रियों के लिए 1 जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा इस वर्ष कचरा मुक्त रहेगी. दरअसल स्वच्छता का ब्रांड बन चुके इंदौर शहर के एक स्टार्ट ने अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरे यात्रा मार्ग में इंदौर का स्वच्छता मॉडल लागू करने के साथ अमरनाथ तीर्थ क्षेत्र को पूरी तरह कचरा मुक्त बनाने के साथ पर्यावरण के लिहाज से सस्टेनेबल और जीरो लैंडफिल बनाने की तैयारी की है. इतना ही नहीं यहां पहली बार तीर्थ यात्रियों को इंदौर के जायके से रूबरू कराने के लिए सस्टेनेबल इंदौरी लंगर भी चलेगा. जिसमें पोहा, साबूदाने की खिचड़ी, खमन और चाय पूरी यात्रा के दौरान निशुल्क वितरित होगी.

अमरनाथ यात्रा में स्वच्छता के सकारात्मक परिणाम: अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक करीब 400 सालों से हो रही अमरनाथ यात्रा के कारण करीब 80 साल से यहां गुफा के दूसरी ओर कचरे का ढेर लग रहा था. इसके अलावा हर साल हजारों की तादाद में जो तीर्थयात्री यहां आते हैं. उनके कारण महीने भर की तीर्थ यात्रा के दौरान ही पूरे तीर्थ क्षेत्र में करीब 1200 टन अलग-अलग प्रकार का कचरा तीर्थ क्षेत्र के आसपास बिखर जाता था. इस बीच देशभर में शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के तहत अमरनाथ में भी स्वस्थ अभियान के अब सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में इंदौर नगर निगम के साथ कार्य करने वाले स्टार्टअप स्वाहा ने बीते साल अमरनाथ तीर्थ क्षेत्र को यात्रा के दौरान कचरा मुक्त बनाने की दिशा में काम किया था.

अमरनाथ यात्रा में स्वच्छता के सकारात्मक परिणाम

इंदौर के स्वाहा स्टार्टअप ने चलाया अभियान: स्वाहा स्टार्टअप ने 350 कश्मीरी युवाओं स्वाहा स्टार्टअप ने स्वच्छता अभियान से जोड़कर जन जागरण अभियान चलाया था. उस दौरान अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के साथ अन्य लंगर संचालकों और श्रद्धालुओं के बीच स्वच्छता को लेकर जन जागरण और तमाम प्रयासों के बावजूद किसी तरह तीर्थ क्षेत्र को कचरा मुक्त बनाए रखने की पहल हो सकी थी. नतीजतन अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार पूरे तीर्थ क्षेत्र को कचरा मुक्त बनाते हुए सस्टेनेबल और जीरो लैंडफिल यात्रा संपन्न कराने की जिम्मेदारी इसी स्टार्टअप को सौंपी है. जो अब इंदौर का सस्ता मॉडल पूरी तरीके से अमरनाथ तीर्थ क्षेत्र में लागू करने जा रहा है. स्टार्टअप के संचालक समीर शर्मा के मुताबिक 1 जुलाई से 31 जुलाई तक यहां लगने वाले 13 कैंप में करीब 500 सफाई मित्र तैनात होंगे, जो इंदौर की तरह सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्र करेंगे. वहीं सूखे कचरे को 8 कैटेगरी में डिवाइड करके यात्रा के बाद उन कंपनियों को भेजेंगे जो इनके अलग-अलग प्रोडक्ट तैयार करती है. इसके अलावा गीले कचरे से महीने भर के अंदर जो ऑर्गेनिक कंपोस्ट खाद तैयार होगा. वह अमरनाथ के आसपास ही किसानों को निशुल्क वितरित कर दिए जाएगा. यह जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रशासन ने 5.4 करोड़ का टेंडर जारी किया था. जिसके तहत आगामी तीर्थ यात्रा के दौरान यह कार्य किया जाएगा.

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यात्रा के दौरान मिलेगा इंदौरी जायके का स्वाद: स्वाहा स्टार्टअप द्वारा पूरी यात्रा के दौरान बालटाल और पहलगाम में लगने वाले लंगर में इंदौरी तीर्थ यात्रियों के लिए पोहा, साबूदाना, खिचड़ी, खमन और चाय निशुल्क वितरित करेगा. इस लंगर में कुकिंग पूरी तरह से सोलर आधारित होगी. वहीं पूरे लंगर को गारवेज और कचरा मुक्त रखा जाएगा. पूरे लंगर को सस्टेनेबल लंगर का रूप दिया जा सके, इसके लिए मशीनें एवं अन्य संसाधन अभी से बालटाल और पहलगाम में शिफ्ट किए जा रहे हैं. इस लंगर में कुक भी इंदौर से भेजे जा रहे हैं. वही व्यंजन तैयार करने की पूरी सामग्री भी इंदौर से भेजी जा रही है. इसके अलावा कचरे को प्रोसेस करने के लिए जरूरी संसाधन और मशीनरी भी अभी से शिफ्ट करने की तैयारी है.

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