सिर्फ सौन्दर्य ही नहीं सेहत भी बेहतर करता है विटामिन ई

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Published : Aug 26, 2021, 12:22 PM IST

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विटामिन ई को इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही त्वचा व बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये भी जरूरी माना जाता है। चूंकि हमारे शरीर में प्राकृतिक तरीके से इनका निर्माण नही होता है इसलिए शरीर में इनकी पूर्ति के लिये भोजन तथा अन्य संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। विटामिन ई एक ऐसा विटामिन है जिसका ना सिर्फ सेवन बल्कि उसका त्वचा और बालों पर उपयोग भी किया जा सकता है।

हमारे शरीर के सम्पूर्ण विकास तथा उसकी कार्य प्रणाली व सभी तंत्रों को सुचारू रूप से चलाने में विटामिन्स काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दरअसल विटामिन्स ऐसे प्राकृतिक यौगिक (ऑर्गेनिक कम्पाउंड्स) होते हैं, जो सिर्फ शारीरिक व मानसिक बीमारियों को दूर रखने के लिये जरूरी होते हैं, साथ ही सौन्दर्य को भी बनाए रखने के लिये जरूरी माने जाते हैं। शरीर का विकास और सेहत बनाए रखने में, तथा सौन्दर्य को बरकरार रखने में विटामिन ई की भूमिका को लेकर ETV भारत सुखीभवा ने वरिष्ठ बाल रोग चिकित्सक डॉ. लतिका जोशी से बात की।

विटामिन ई के फायदे

डॉ. जोशी बताती हैं की शरीर के विकास के लिये जरूरी विटामिन ई में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण पाए जातें हैं, जो फ्री रेडिकल्‍स से कोशिकाओं को बचाने में मदद करते हैं। विटामिन ई इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाने में मदद करता है जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव हो सके। विटामिन ई शरीर में ऐसे हार्मोन के उत्‍पादन में भी अहम भूमिका निभाता है जो कई प्रकार की शारीरिक प्रक्रियाओं, जैसे कि रक्तचाप और मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने के लिए जिम्‍मेदार होता है। इसके अलावा विटामिन ई मांसपेशियों की मरम्मत तथा पाचन संबंधित समस्‍याओं के निस्तारण का कार्य भी करता है| साथ ही दिल की बीमारी और कैंसर जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता हैं।

शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स यानि लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करने में भी विटामिन-ई सहायक होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को चिकित्सक विटामिन- ई का सेवन करने की सलाह देते हैं, जिससे बच्‍चे को एनीमिया यानि खून की कमी से बचाया जा सके।

कितनी मात्रा जरूरी?

नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के अनुसार 14 साल से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों को प्रतिदिन 15 मि.ग्रा विटामिन ई की जरूरत होती है। वहीं स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 19 मि.ग्रा और 6 महीने से कम उम्र के शिशु को 4 मि.ग्रा विटामिन ई चाहिए होता है।

बच्चों की आयु के आधार पर देखा जाय तो 6 महीने से 1 साल के बच्‍चे को 5 मि.ग्रा, 1 से 3 साल के बच्‍चे को 6 मि.ग्रा, 4 से 8 साल के बच्‍चे को 7 मि.ग्रा और 9 से 13 साल के बच्‍चे को 11 मि.ग्रा विटामिन ई की जरूरत होती है।

विटामिन ई की कमी से होने वाली समस्याएं और उनके लक्षण

  • रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर
  • शरीर के अंगों का सुचारू रूप से कार्य न कर पाना
  • मांसपेशियों में कमजोरी आना
  • आंखों में समस्या होना जैसे कम दिखना या दिखने में झिलमिलाहट महसूस होना
  • अधिक कमजोरी महसूस होना
  • प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाना
  • पाचन संबंधी समस्याएं होना
  • बालों का अधिक झड़ना
  • त्वचा संबंधी समस्या
  • रक्त संचार में कमी और एनीमिया
  • कोलेस्ट्रोल में समस्या
  • मानसिक विकार होने की सम्भावना

कैसे करें त्वचा, नाखून और बालों पर इस्तेमाल

विटामिन ई का इस्तेमाल हमारी त्वचा , नाखून और बालों के लिए काफी असरदार माना जाता है। न सिर्फ इसका सेवन बल्कि बालों व त्वचा पर इसे लगाने से भी त्वचा पर उम्र के प्रभाव में कमी आती है तथा बाल घने और चमकदार बनते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा पर हाइपरपिग्मेंटेशन का असर कम होता है। वहीं इसका नियमित इस्तेमाल त्वचा पर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते है जिससे त्वचा जवां बनी रहती है। विटामिन ई तेल ड्राई स्किन (सुखी त्वचा) पर मॉइस्चराइज़र के रूप में कार्य करता है।

कैसे करें इस्तेमाल

  1. क्लीनजर के रूप में विटामिन ई का तेल काफी प्रभावी होता है। चहरे पर विटामिन ई तेल की कुछ बूंदें डालकर हल्के हाथों से मसाज करने से त्वचा साफ और मुलायम हो जाती है साथ ही त्वचा के रोमछिद्रों से गंदगी निकाल जाती है।
  2. विटामिन ई आंखों के नीचे पड़े काले घेरे से भी छुटकारा दिलाता है। इसके लिए रात को सोने से पहले आंखों के नीचे विटामिन ई के तेल की हल्के हाथों से मसाज करें।
  3. विटामिन ई तेल का इस्तेमाल नाखूनों में कमजोरी तथा खुश्की की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
  4. रात को सोने से पहले त्वचा पर विटामिन ई तेल की हल्की मसाज करने से काफी फायदा मिलता है। इसे सीधे-सीधे तौर पर त्वचा पर लगाया जा सकता है, लेकिन एलोवेरा जेल के साथ इसे मिलाकर चेहरे की हल्के हाथों से मसाज करने और फिर इसे धोने से त्वचा पर इसके प्रभाव ज्यादा बेहतर तरीके से नजर आता है।
  5. विटामिन-ई के कैप्सूल को बीच से काट कर उसके तेल को चेहरे पर हुए दागों पर लगाने से त्वचा में कोलेजेन के निर्माण को बढ़ाया जा सकता है, जो दाग धब्बों को हल्का करता है।
  6. घरेलू कामकाज के कारण हाथों का रुखा होने पर कैप्सूल के तेल से हाथों की हल्की मालिश से त्वचा की नमीं वापस आ जाती है।
  7. विटमिन ई के कैप्सूल से निकलने वाले तेल को एक कटोरी में लें और उसमें थोड़ा सा शहद मिला लें और मालिश करें, लेकिन ध्यान रहे की आप ऐसा रात को सोने से पहले ही करें।

विटामिन ई के लिए खाएं ये चीजें

चूंकि विटामिन का निर्माण हमारे शरीर में नहीं होता है इसलिए इसकी पूर्ति के लिये हमें भोजन पर निर्भर रहना पड़ता है। डॉ. लतिका जोशी बताती हैं की शरीर के लिये जरूरी किसी भी पोषक तत्व की पूर्ति के लिये सप्लीमेंट्स की बजाय प्राकृतिक स्त्रोतों का इस्तेमाल बेहतर होता है। शरीर में विटामिन ई की कमी ना हो इसलिए लोगों को ऐसी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करन चाहिए जिनमें विटामिन ई की मात्रा अधिक हो। जैसे सोयाबीन ऑयल, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, अखरोट, सूरजमुखी के बीज व अन्य मेवे, अंडे, शकरकंद, पालक,सरसों, शलजम, ब्रोकली, कॉड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न आदि ।

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