जीन में म्यूटेशन भी बन सकता है पुरुषों में संतानोत्पत्ति में बाधक, इतनी है ऐसे जीन की संख्या

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Published : Sep 16, 2022, 9:37 PM IST

male impotence research published in human molecular genetics journal hyderabad by scientists

Hyderabad scientists research on male impotence शोध में ऐसे 8 जीन के (Mutations in genes) बारे में पता चला है जो पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी (Low sperm count in men) या उनकी गुणवत्ता खराब (Poor quality sperm) होने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. Male impotence research published in human molecular genetics journal .

पुरुषों में कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जो संतानोत्पत्ति में बाधक हैं, जैसे कोई शारीरिक अवस्था, बीमारी, दुर्घटना या बढ़ती उम्र आदि. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट की मानें तो कभी कभी पुरुषों में नपुंसकता के लिए कुछ जीन तथा उनमें म्यूटेशन भी जिम्मेदार हो सकते हैं. साइंस जर्नल “ह्यूमन मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स” (Human Molecular Genetics) में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ विशेष जीन में म्यूटेशन (Mutations in genes) होने पर पुरुषों में जरूरी मात्रा में स्पर्म के निर्माण में कमी आ सकती है. जिससे वे नपुंसकता का शिकार बन सकते हैं. शोध में ऐसे 8 जीन खोजे जाने की बात कही गई है जो इस अवस्था के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. Male impotence research published in human molecular genetics journal .

हैदराबाद के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किये गए (Hyderabad scientists research on male impotence) इस शोध में ऐसे 8 जीन के बारे में पता चला है जो पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी या उनकी गुणवत्ता खराब (Poor quality sperm) होने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. गौरतलब है कि यह शोध हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्यूलर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (Center for Cellular Molecular Biology Hyderabad),द सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक और ममता फर्टिलिटी हॉस्पिटल (The Center for DNA Fingerprinting and Diagnostic and Mamta Fertility Hospital) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था.

रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने इन 8 जीन में से एक “CETN1” तथा उसके म्यूटेशन की स्टडी की तथा यह जानने का प्रयास किया कि क्या यह जीन तथा उसका म्यूटेशन, पुरुषों में स्पर्म के निर्माण या उनकी गुणवत्ता पर असर डाल सकता है! जिसके नतीजों में सामने आया की उक्त जीन में म्यूटेशन होने की अवस्था में सेल्स का विभक्तिकरण यानी उनका डिविजन रुक गया था. जिसके कारण जरूरी मात्रा में स्पर्म के निर्माण की प्रक्रिया तथा उनकी गुणवत्ता प्रभावित हुई थी. गौरतलब है कि पुरुषों में नपुंसकता या उनमें स्पर्म काउंट में कमी (Low sperm count in men) के कारणों को जानने के लिए इससे पहले भी शोध किये जाते हैं, लेकिन ज्यादातर के नतीजों में इस समस्या के लिए जीवनशैली जनित कारणों (lifestyle Impotence reasons) तथा स्वास्थ्य संबंधी अवस्थाओं को जिम्मेदार माना गया है.

हालांकि शोध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसा नहीं है कि जिन पुरुषों में यह जीन पाए जाते हैं वे बच्चा पैदा करने में पूरी तरह से असमर्थ होते हैं. नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिंग की मदद से इस अवस्था का निस्तारण भी संभव हो सकता है. शोध के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सुधाकर डिगमर्थी (Dr Sudhakar Digmarthy) ने शोध के निष्कर्षों में बताया है कि रिसर्च प्रक्रिया के दौरान सभी जीन के जरूरी हिस्सों को सीक्वेंस में किया गया था उसके बाद नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिंग (Next Generation Sequencing) में पहले 47 नपुंसक पुरुषों में इसका परीक्षण किया गया था. रिसर्च के अलगे चरण में देश के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 1500 नपुंसकता से पीड़ित पुरुषों पर इस प्रक्रिया को अपनाया गया था. जिसके काफी सकारात्मक नतीजे सामने आए

जीवनशैली जनित कारणों : गौरतलब है कि यह शोध अपनी तरह का पहला है जिसमें उल्लेखित किये गए 8 जीन और नपुंसकता के बीच के संबंध को लेकर रिसर्च की गई है. लेकिन नपुंसकता या स्पर्म से जुड़ी समस्याओं के कारणों को लेकर इससे पहले भी देश विदेश में शोध किये जाते रहे हैं. वर्ष 2013 में ‘वर्ल्ड कांग्रेस फॉर सेक्सुअल हेल्थ' (World Congress for Sexual Health 2013) में प्रस्तुत एक शोध में नपुंसकता के मूल तथा संभावित कारणों (root and possible causes of impotence) को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई थी. तत्कालीन आंकड़ों के आधार पर उक्त शोध में यह आशंका भी जताई गई थी कि वर्ष 2025 तक भारत में नपुंसक पुरुषों की संख्या सर्वाधिक होगी. जिसके लिए जिम्मेदार कारणों में अनियमित जीवन शैली (Impotence reasons Irregular lifestyle) को प्रमुखता दी गई थी.

उस भविष्यवाणी को वर्तमान समय में भी पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत में नपुंसकता के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. चिकित्सकों की माने तो ज्यादातर मामलों में इनके लिए खराब होती जीवन व आहार शैली, उसके कारण बढ़ते शारीरिक व मानसिक रोग, तथा धूम्रपान या किसी प्रकार के नशे से जुड़ी आदतें (Deteriorating lifestyle and diet, increasing physical and mental diseases, smoking habits , intoxication) जिम्मेदार होती हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : पुरुषों में नपुंसकता के मामलों में बढ़ोत्तरी के कारणों को लेकर ETV भारत सुखीभव ने लखनऊ के सेक्सोलॉजिस्ट डॉ इमाम बेग (Dr Imam Baig, Sexologist, Lucknow) से भी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि यह बात सत्य है कि पिछले कुछ सालों में कम उम्र के पुरुषों में नपुंसकता के मामले काफी बढ़े हैं. आज के दौर में काफी संख्या में पुरुषों को संतानोत्पत्ति में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Sexologist Dr Imam Baig बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में कम उम्र में भी पुरुषों में डायबिटीज, ह्रदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर तथा ओबेसिटी जैसी कोमोरबीटी तथा मानसिक तनाव बढ़ने के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं. जिसके लिए भागती-दौड़ती जिंदगी, खराब जीवनशैली तथा आहार शैली को जिम्मेदार ठहराना गलत नहीं होगा. इसके अलावा कई बार तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोग, कोई दुर्घटना, कैंसर तथा अन्य गंभीर रोग और उनका इलाज भी पुरुषों में नपुंसकता या उनके स्पर्म कि क्वालिटी खराब होने का कारण बन सकता है.

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