यौन संचारित रोगों से बचाता है फीमेल कंडोम

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Published : Oct 25, 2020, 2:51 PM IST

female condom

आज तक लोग हमेशा पुरुषों के कंडोम के बारे में सुनते आये हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाएं और पुरुष इस बात से अनजान हैं की बाजार में महिलाओं के लिए भी फीमेल कंडोम उपलब्ध हैं. जोकि बहुत ही सरलता के साथ इस्तेमाल होने वाला गर्भ निरोधक है.

अनचाहे गर्भ से बचने के लिए लोग तमाम तरह के गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कंडोम का इस्तेमाल करना सबसे असरदार और आसान उपाय माना जाता है. कंडोम ना सिर्फ अनचाहे गर्भधारण को रोकता है, बल्कि यह एसटीडी सरीखी कई तरह की यौन संचारित बीमारियों से भी बचाव करता हैं. कंडोम नाम सुनते ही हर किसी के दिमाग में पुरुषों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कंडोम का ही ख्याल आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की महिलाओं के इस्तेमाल में आने वाले फीमेल कंडोम भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है. फीमेल कंडोम के बारे में पुरुष तो क्या बड़ी संख्या में महिलाएं भी अनजान हैं.

जागरूकता की कमी

आमतौर पर सभी व्यस्क तथा शारीरिक संबंधों में सक्रिय व्यक्ति कंडोम के फायदे ओर उनके उपयोग करने के तरीको के बारे में जानते है, लेकिन टीवी पर तथा केमिस्ट की दुकानों पर विभिन्न ब्रांड और विभिन्न तरीकों के कंडोम काफी सरलता से उपलब्ध रहते है. लेकिन प्रचार के आभाव के कारण कई लोगों को तो यह तक पता नहीं है कि फीमेल कंडोम जैसी भी कोई चीज होती है. फीमेल कंडोम की मदद से अब महिलायें अनचाहे गर्भ और तमाम बीमारियों से खुद ही अपना बचाव कर सकती हैं.

महिलाओं और पुरुषों के कंडोम में सामान्य अंतर

पुरुष कंडोम

  1. पुरुषों वाला कंडोम लेटेक्स, पॉलीयुरेथेन या पॉली आईसोप्रेन से बना होता है. इसे लिंग के उत्तेजित होने पर ही पहना जा सकता है.
  2. पुरुषों का कंडोम या मेल कंडोम लिंग के अधिकांश हिस्से को ढंककर रखता है और महिलाओं के जननांगो की रक्षा करता है.
  3. पुरुषों वाला कंडोम लेटेक्स का बना होता है जिसके कारण त्वचा में एलर्जी भी हो सकती है.
  4. पुरुषों वाला कंडोम यौन क्रिया के उपरांत या लिंग की उत्तेजना खत्म होने के बाद फिसल सकता है या अपने आप निकल सकता है.

महिला कडोम

महिलाओं वाला कंडोम पॉलीयुरेथेन या नाइट्राइल से बना हुआ होता है और इसे शारीरिक संबंध स्थापित होने के 8 घंटे पहले से पहना जा सकता है. यह एक चिकनाई युक्त पाउच जैसा होता है. इसके सिरों पर दो रिंग या छल्ले होते हैं, जिससे कंडोम को योनि के अंदर सही जगह रखने में मदद मिलती है. फीमेल कंडोम के अंदुरुनी छल्ले को योनि के अंदर बिल्कुल टैम्पोन की तरह डालना होता है.

  1. फीमेल कंडोम महिला के जननांगो के अंदुरुनी और बाहरी दोनों हिस्सों को ढंककर रखता है और लिंग का बेस उसे सुरक्षा प्रदान करता है.
  2. फीमेल कंडोम हाइपोएलर्जिक होते हैं, इसका मतलब यह है कि इनसे एलर्जी होने की संभावना काफी कम होती है.
  3. फीमेल कंडोम सेक्स करने के बाद भी अपनी जगह से हटता नहीं है.

कंडोम के इस्तेमाल के समय बरती जाने वाली सावधानियां :

  • कभी भी फटे हुए, बेरंग या चिपचिपे कंडोम का इस्तेमाल ना करें, वो खराब हो सकते हैं.
  • लम्बे समय तक कंडोम को अपने वॉलेट में या कार में ना रखें.
  • कंडोम को धूप और गर्मी से दूर किसी ठंडी और सूखी जगह पर रखें. लेटेक्स कंडोम को अगर ठीक से ना रखा जाए, तो वे जल्दी खराब हो जाते हैं.
  • पुरुषों को अपने लिंग के साइज के हिसाब से कंडोम का चुनाव करना चाहिए, इससे सेक्स के दौरान उनके फटने या फिसलने का खतरा कम होता है.
  • सेक्स के दौरान अगर कंडोम फट या टूट जाता है या फीमेल कंडोम का बाहरी छल्ला योनि के अंदर चला जाता है, तो ऐसे में उस कंडोम को हटा दें और नए कंडोम का इस्तेमाल करें.
  • एक कंडोम का उपयोग सिर्फ एक ही बार करें, उसे धुलकर या साफ करके दोबारा इस्तेमाल करने की गलती ना करें, ऐसा करने से संक्रमण हो सकता है.
  • कंडोम पहनते समय सावधानी बरतें अन्यथा आपके नाखून या ज्वेलरी से वे फट सकते हैं.
  • एक बार में एक ही तरह के कंडोम का उपयोग करें. फीमेल कंडोम और मेल कंडोम का एक साथ इस्तेमाल कभी ना करें.
  • कंडोम का इस्तेमाल करने के बाद उसे कूड़ेदान में फेंक दें. कंडोम को कभी भी फ्लश ना करें.
  • पुरुषों और महिलाओं के लिए बने कंडोम के अपने फायदे और नुकसान हैं. हालांकि सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों तरह के कंडोम गर्भावस्था रोकने और यौन संचारित बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. इसलिए सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरुर करें.
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