Shraddha Walker Murder Case: एफएसएल अधिकारी ने कहा, जंगल से मिले अवशेषों का डीएनए मैच होना होगा अहम सबूत
Published: Nov 15, 2022, 1:45 PM


Shraddha Walker Murder Case: एफएसएल अधिकारी ने कहा, जंगल से मिले अवशेषों का डीएनए मैच होना होगा अहम सबूत
Published: Nov 15, 2022, 1:45 PM

महरौली में हुए श्रद्धा हत्याकांड मामले (Shraddha Walker Murder Case) में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट (forensic investigation report) अहम सबूत साबित होगी और उसके कातिल प्रेमी आफताब को ये रिपोर्ट गुनहगार साबित करने में अहम भूमिका निभाएगी. फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट रोहिणी की अलग-अलग लैब में तैयार की जा रही है.
नई दिल्ली: महरौली में हुए श्रद्धा हत्याकांड मामले में फॉरेंसिक जांच एक अहम हिस्सा है. मामले से जुड़े जांच अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में इस मामले को साबित करने में अहम भूमिका निभाएगी. कई टुकड़ों में मिले शव के अवशेषों को एक सिरे से जोड़ना और परिवार के साथ संबंध सत्यापित करना फॉरेंसिक जांच अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती होगी.
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रोहिणी की लैब तैयार कर रही हैं अपनी रिपोर्ट : मामले की फॉरेंसिक जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में रोहिणी स्थित कई अलग-अलग लैब अहम साक्ष्यों पर अपनी रिपोर्ट बना रही हैं. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मौका- ए- वारदात पर साक्ष्य एकत्र करने की जानकारी दी थी. इसके बाद टीम ने अलग-अलग स्थानों से कई साक्ष्य जुटाकर उन्हें संरक्षित कर जांच अधिकारी को सौंप दिए थे. जांच अधिकारी के हिसाब से साक्ष्य रोहिणी स्थित एफएसएल लैब में पहुंचाए गए हैं, जहां अलग-अलग लैब अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड में जंगल से मिले अवशेषों का मृत युवती श्रद्धा के परिवार के डीएनए से मैच होना एक अहम साक्ष्य साबित होगा. डीएनए के माध्यम से पुष्टि किए जाने पर न्यायालय में इसे अहमियत दी जाएगी.
हथियार न मिलने पर भी साबित किया जा सकता है दोषी :अधिवक्ता जूही अरोड़ा ने बताया कि गवाहों और हत्या में प्रयुक्त हथियार न मिलने पर भी दोषी साबित किया जा सकता है. लिव इन पार्टनर की हत्या से जुड़ा ये मामला कानूनी तौर पर भी बेहद पेचीदा है. जहां एक तरफ आरोपी ने हत्या के बाद लड़की के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर महरौली के जंगल में फेंक दिया, जहां उसके जानवरों के खा जाने और मौसम के साथ नष्ट हो जाने की आशंका अधिक है. अभी तक घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद नहीं किया जा सका है. अधिवक्ता जूही अरोड़ा बताती हैं कि हत्या के ऐसे पेचीदा मामलों में जिनमें कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी ना हो और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद न हुआ हो, इसके बावजूद कनविक्शन संभव है. कानून में कई ऐसे उदाहरण हैं जहां गवाह और हथियार न होने के बावजूद आरोपियों को दोषी ठहराया गया है और सख्त से सख्त सजा दिलाई गई है.
