नई दिल्ली: अफगानिस्तान में सत्ता पलटने के बाद वहां के हालात बद से बदतर हो गए और उसके बाद अलग-अलग देशों के नागरिक जो कई दशकों से वहां रह रहे थे वो अपने वतन लौटने लगे. उनके वतन लौटे ही वहां के अफगानिस्तान के इतने बदल गए कि वहां की संसद में जीत कर आये कई सांसदों को भी अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा.
अचानक अफगानिस्तान में ताबिलानी कब्जे के बाद वहां रह रहे भारतीय मूल के सिख और हिंदू परिवारों को देश छोड़ना पड़ा, और तो और इस दौरान वहां जीत कर आये सांसद तक को भी जान बचाकर भारत आना पड़ा. ऐसे ही एक अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा भी भारत लौट और वहां के हालात के बारे में बताया.
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अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा ने बताया कि अभी तो वहां के हालात बहुत ही खराब हैं और हालत कब तक ठीक होंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके दादा भी वहीं रहते थे और उनका बचपन वहीं गुजरा है. उन्होंन बताया कि 2019 में वे सांसद बने लेकिन सांसद बनने के बाद इस तरह के हालात की कल्पना नहीं की थी. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी दो तीन बार वहां के हालात ऐसे हुए थे लेकिन तब देश छोड़ने की नौबत नहीं आई थी. उन्होंने यहां की सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वहां से लौटे लोगों की मदद करे.
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अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा ने बताया कि भारत लौटने के बाद तालिबानियों ने कोई संपर्क नहीं किया. जिससे ये पता चले कि वो सांसदों को मान्यता देंगे या नहीं, लेकिन उनका ये भी कहना है कि वे यहीं से वहां के सांसद होने के नाते वहां की सिख बिरादरी की मदद की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मन में कसक है अफगान में रह रहे लोगों के सेवा करने की, लेकिन हालात से मजबूर हैं और बस उम्मीद कर रहे कि हालात बेहतर हों.