संगम विहार: डॉक्टर की लेटलतीफी से धूप में कुम्हलाते मासूम बच्चे!

author img

By

Published : Sep 22, 2021, 11:47 AM IST

Patient troubled

संगम विहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर के देरी से आने की वजह से लोग परेशान हैं. नवजात बच्चों के साथ महिलाओं को घंटों धूप में खड़ा होकर डॉक्टर के आने का इंतजार करना पड़ता है.

नई दिल्ली: संगम विहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिसकी वजह से बच्चों को लगने वाले जरूरी टीके और बुजुर्ग मरीजों को दवाई लेने में परेशानी हो रही है. छोटे-छोटे नवजात बच्चों को टीका दिलाने के लिए आसपास की महिलाएं सुबह 8:00 बजे से ही डिस्पेंसरी के सामने कतार लगा देती हैं. वहीं बुजुर्ग जरूरी दवाइयों के लिए कतार में लग जाते हैं.

बता दें कि डॉक्टर के डिस्पेंसरी में पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 9 बजे है, लेकिन 11 बजे से पहले कभी भी डॉक्टर डिस्पेंसरी नहीं पहुंच पाते हैं. इस दौरान मरीज और महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ धूप में खड़ी रहती हैं. वहीं लाइन में लगी महिलाओं की कहना है कि ये कोई एक दिन की बात नहीं है, यहां डॉक्टर रोज 11 बजे के बाद ही आतें हैं.

ये भी पढ़ें: बाल श्रम के खिलाफ बड़ा अभियान, सरोजनी नगर में 23 बच्चों का रेस्क्यू

वहीं महिलाओं की शिकायत है कि डॉक्टर चाहे कितने बजे भी आये, लेकिन लोगों को अपने बच्चों को टीका लगवाने या फिर बुजुर्गों को अपनी दवाइयों के लिए समय पर ही डिस्पेंसरी आकर लाइन लगाना होता है, क्योंकि डिस्पेंसरी में आने वाले लोगों को नंबर दिया जाता है, जिसके आधार पर उन्हें डॉक्टर के पास अंदर मिलने के लिए भेजा जाता है.

डॉक्टर की देरी से लोग परेशान.

ये भी पढ़ें: गर्भवती मां और बैटे की चाकू घोंप कर हत्या, किर्गिस्तान की रहने वाली थी महिला

दवाई के लिये डिस्पेंसरी पहुंची एक महिला ने बताया कि यहां अक्सर ऐसा ही होता है. यहा न तो कर्मचारी समय पर आता है और न ही डॉक्टर. कुछ देर के लिए नंबर बांटने वाला कर्मचारी जरूर बैठता है, उसके बाद वो भी अपनी सीट से उठ कर कहीं चला जाता है. महिला ने बताया कि टोकन बांटने वाला कर्मचारी वापस लौटने पर दवाई में इंतजार कर रहे लोगों को लाइन से ये कह कर हटा देता है कि अब टाइम खत्म हो चुका है, अब आप लोग घर चले जाएं. महिला ने बताया कि ये पिछले कई बार से हो रहा है, जिससे मरीज और उनके तिमारदार दोनों बेहद परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: रोहिणी जेल में LDC की नौकरी करने वाले युवक की नरेला में गोली मारकर हत्या

वहीं लोगों की इस परेशानी से न तो डिस्पेंसरी में काम करने वाले कर्मचारी को मतलब है और न ही डॉक्टर को. इस बारे में डिस्पेंसरी के डॉक्टर आशा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि पहले स्वास्थ्य विभाग से परमिशन लेकर आएं तो ही वह कैमरे के सामने कुछ भी बोल सकती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.