BBC Documentary Controversy: JNU प्रशासन की चेतावनी- कैंपस में हुई स्क्रीनिंग तो होगी कड़ी कार्रवाई
Updated on: Jan 24, 2023, 8:53 AM IST

BBC Documentary Controversy: JNU प्रशासन की चेतावनी- कैंपस में हुई स्क्रीनिंग तो होगी कड़ी कार्रवाई
Updated on: Jan 24, 2023, 8:53 AM IST
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की डाक्यूमेंट्री की परिसर में स्क्रीनिंग करने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर किसी भी छत्र संगठन ने जेएनयू प्रशासन से अनुमति नहीं ली है. अगर इसकी स्क्रीनिंग की गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर चेतावनी दी है. कहा गया है कि चूंकि केंद्र ने इस डॉक्यूमेंट्री को देशभर में बैन कर दिया है. ऐसे में जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जेएनयू प्रशासन का यह बयान तब आया है, जब कुछ छात्रों के समूह ने मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया था.
एडवाइजरी के मुताबिक, जवाहर लाल नेहरू स्टूडेंट्स यूनियन ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाः द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग की अनुमति जेएनयू प्रशासन से नहीं मांगी है. इस तरह की अवैध गतिविधि से जेएनयू परिसर की शांति और सौहार्द बिगड़ सकती है. जेएनयू ने यह बयान तब जारी किया है जब जेएनयूएसयू ने एक पैम्फलेट जारी किया था, जिसमें 24 जनवरी को रात नौ बजे टेफ्लास में बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की बात कही थी.
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JNU asks to cancel the screening of the documentary "India: The Modi Question" scheduled for 24th Jan by a group of students stating that "such an unauthorised activity may disturb peace & harmony in the University.". pic.twitter.com/yQwDah9xx7
— ANI (@ANI) January 23, 2023
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एडवाइजरी में कहा गया है कि इस तरह के इवेंट के लिए जेएनयू प्रशासन से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई है. जेएनयू प्रशासन ने इस तरह की कोई भी गतिविधि को तत्काल रद्द करने को कहा है. अगर इस चेतावनी के बाद भी इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. बता दें, पिछले हफ्ते भारत सरकार ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा पीस कहते हुए रद्द कर दिया था. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब बताया गया है. इसमें गुजरात दंगों में पीएम मोदी की कथित भूमिका की बात कही गई है. इसी को लेकर विवाद हो रहा है.
(इनपुट- ANI)
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