जीवनशैली सुधार लो, कैंसर पास नहीं आयेगा !

जीवनशैली सुधार लो, कैंसर पास नहीं आयेगा !
दिल्ली के पीएचडी हाउस में शनिवार को बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल व कैंसर फाउंडेशन की ओर से संवेदना- 2022 कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़े हॉस्पिटल्स के कैंसर विशेषज्ञ शामिल हुए और इस बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दिए.
नई दिल्ली: वर्तमान समय में कैंसर एक भयानक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आया है. इसकी चपेट में हर वर्ष सबसे अधिक लोग आते हैं और समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण सर्वाधिक लोग असमय ही मर जाते हैं. यह एक ऐसा रोग है जो किसी भी उम्र में हो सकता है. ये बातें कही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने. दरअसल सत्येंद्र जैन दिल्ली के पीएचडी हाउस में शनिवार को बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल व कैंसर फाउंडेशन की ओर से संवेदना-2022 आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे.
कार्यक्रम में सत्येंद्र जैन ने कहा कि "कैंसर के इलाज में भारत कहीं भी विकसित देशों से पीछे नहीं है, लेकिन जब लोगों के पास पैसा होता है तो वह और बेहतर के विकल्प खोजता है. लेकिन जिन मरीजों को भी सही इलाज मिल जाता है, उनके ठीक होने की संभावना विकसित देशों के बराबर ही है. कैंसर को लेकर लोगों में अनभिज्ञता और उदासीनता को कम करने और इस रोग के प्रति उन्हें जागरूक बनाने, शिक्षित करने, इससे संबंधित मिथकों को मिटाने के लिए दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है." उन्होंने बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल की सराहना करते हुए कहा कि "कैंसर के इलाज के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ यहां कुशल और अनुभवी चिकित्सकों की टीम मौजूद है."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "कैंसर को हराने के लिए स्क्रीनिंग और नियमित चेकअप के जरिए कुछ हद तक मदद मिल सकती है. देश के लोग चाहें तो बेहतर लाइफस्टाइल को चुनकर कैंसर को हरा सकते हैं. तंबाकू और ऐल्कोहॉल के बारे में जागरूकता फैलानी जरूरी है, ताकि लोग समझ सकें कि इन चीजों के कारण टीशूज़ में कैंसर उत्पन्न हो सकता है. मोटापा भी कैंसर का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है."
कार्यक्रम में रोटरी फाउंडेशन के महासचिव अजय नारायण ने कैंसर फाउंडेशन की गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसके अलावा कैंसर सर्वाइवर रेखा गुलाबानी और स्मिता सिंह ने अपने अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि कैंसर की बीमारी से लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति का मानसिक तौर पर मजबूत और परिवार के लोगों का साथ होना जरूरी है. एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर एंड हेड, डॉ. नीरजा भाटला ने सर्वाइकल कैंसर व इसकी रोकथाम में रोटरी की भूमिका को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि रोटरी कैंसर अस्पताल कैंसर के उपचार का एक विशेष केंद्र है. यह वर्तमान में देश के सबसे पुराने कैंसर उपचार केंद्रों में से एक है.
अपोलो अस्पताल के चिकित्सा सलाहकार और वरिष्ठ सलाहकार यूरोलॉजी डॉ. एन सुब्रमण्यम ने कैंसर के उपचार में वर्तमान ट्रेंडस को लेकर अवगत कराया. वहीं, बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ ओन्को-एनेस्थीसिया एंड पेलिएटिव मेडिसिन की प्रोफेसर और हेड डॉ. सुषमा भटनागर ने स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के उपायों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेतों और लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है ताकि जीवित रहने की दर बढ़ सके और कैंसर से पूरी तरह से बचा जा सके.
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