दशकों से उठ रही नरेला बस टर्मिनल बनाने की मांग, परिवहन विभाग हर बार दे रहा अलग-अलग जवाब

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Published : Sep 19, 2021, 10:53 PM IST

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नरेला विधानसभा में बस टर्मिनल बनाने की मांग काफी अर्शे से उठ रही है, लेकिन आज भी ये मांग अधूरी है. इसको लेकर कई बार पत्राचार भी किया गया है, लेकिन हर बार अलग-अलग जवाब दिये जा रहे हैं, जिससे विभाग की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है.

नई दिल्ली : नरेला विधानसभा में बस टर्मिनल बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसका लोग पिछले चार दशक से इंतजार कर रहे हैं. नरेला इलाके में फिलहाल जहां पर बस टर्मिनल चलाया जा रहा है, वह इलाका बहुत ही तंग जगह पर है और सड़क पर बसों के परिचालन की वजह से इलाके में जाम की समस्या बन जाती है. आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि विभाग से बस टर्मिनल बनाने की मांग पर कई बार पत्राचार किया जा चुका है, हर बार विभाग जवाब बदल-बदल कर दे रहा है, जो कि बेहद चौंकाने वाला है.

नरेला बस टर्मिनल पर परिवहन विभाग का अलग-अलग जवाब
ईटीवी भारत से बात करते RTI एक्टिविस्ट पाल राणा ने बताया कि नरेला मंडी के पास धरानी नामक तालाब हुआ करता था, जो आज भी अस्तित्व में है, जिसमें अब वैकल्पिक तौर से तीन दशक से भी ज्यादा समय से बस टर्मिनल बना हुआ है. वनवे सड़क होने की वजह से इलाके के लोग परेशान हैं और दूसरी जगह बस टर्मिनल बनाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. यह बस टर्मिनल बहुत ही छोटा है और नरेला इलाका काफी बड़ा है.


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नरेला इलाका हरियाणा को दिल्ली से भी जोड़ता है. इसके अलावा इसी रास्ते से होकर हरियाणा से लोग दिल्ली में नौकरी करने के लिए आते हैं. हरियाणा के देहात के इलाकों में आने-जाने के लिए ज्यादातर लोग इसी बस टर्मिनल का प्रयोग करते हैं, लेकिन बस टर्मिनल की हालत बहुत ही बदहाल है.

पहले यहां पर इलाके के एक जागीरदार की पत्नी धरानी के नाम पर एक तालाब था, लेकिन अब अतिक्रमण के चलते तालाब का क्षेत्रफल भी घट गया और बस खड़ी करने के बाद सड़क पर चलने के लिए लोगों को जगह भी नहीं बचती. बरसात के दिनों में टर्मिनल के हालात बहुत ही खराब हो जाते हैं, फिलहाल सूख चुके इस तालाब में पानी भरने की वजह से बसों को सड़क पर खड़ा करना पड़ता है, जिसकी वजह से सड़क पर जाम तो लगता ही है और पूरा नरेला इलाका जाम भी हो जाता है.

RTI एक्टिविस्ट ने बताया कि जाम और नया बस टर्मिनल बनाने की मांग के चलते उन्होंने RTI लगाई तो विभाग हर बार जवाब अलग-अलग दे रहा है. पहले विभाग ने कहा कि यहां पर टर्मिनल बनाने के लिए नक्शा बनाकर तैयार कर दिया गया है और जल्द ही काम शुरू होगा. उसके बाद दोबारा से फिर विभाग ने जवाब दिया कि इस बारे में परिवहन विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है. तीसरी बार विभाग ने अलग ही जवाब दिया, जिसमें बताया गया कि विभाग ने टर्मिनल की रूपरेखा तैयार कर दी है और तकनीकी कमियों में सुधार के लिए रूपरेखा पर काम किया जा रहा है, जल्दी नरेला इलाके में बस टर्मिनल बनेगा, जिसके लिए इंजीनियर भी ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं. इस तरह के जवाब महज 1 साल के भीतर ही 3 बार दिए जा चुके हैं, जिसको लेकर काफी हैरान और परेशान हैं.

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हरपाल राणा ने बताया कि नरेला बस टर्मिनल बनाने की मांग समय-समय पर जोर पकड़ती है, लेकिन किन वजह से बस टर्मिनल नहीं बनाया जा रहा है उन्हें समझ नहीं आ रहा है. जबकि सरकार दिल्ली में 5 नए बड़े बस टर्मिनल बनाने की घोषणा भी कर चुकी है. इस बदहाल पड़े बस टर्मिनल पर सवारियों के बैठने, पीने के लिए पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. यदि किसी को शौचालय जाना हो तो उन पर ताला लगा रहता है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशान होती है. खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

वहीं टर्मिनल पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि कई बार विभाग को टर्मिनल के बदहाली ये हालात के बारे के बताया जा चुका है, जिसकी वजह से टर्मिनल पर काम करने वाले कर्मचारी ही नहीं सवारियों के साथ-साथ इलाके के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि परिवहन विभाग लगातार बदल बदल कर RTI का जवाब दे रहा है, उसके लिए किस अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

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