BBC Documentary Controversy: जेएनयू में 2 घंटे तक छात्र को बनाया गया बंधक, जानिए छात्र संघों ने क्या कहा

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Published : Jan 25, 2023, 12:11 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 12:30 PM IST

Sick student held hostage in JNU for 2 hours

जेएनयू में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद में लगातार नई-नई बातें सामने आ रही हैं. मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रुकवाने के लिए लाइट कटवाने के बाद अब एक बीमार छात्र को बंधक बनाने की घटना सामने आई है. छात्र का कहना है कि वह इस घटना से बेहद डरा हुआ है.

पीड़ित छात्र गौरव

नई दिल्ली: राजधानी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर चर्चा में है. यहां बीती रात जेएनयू छात्रसंघ की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डाक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया गया. इधर जैसे ही जेएनयू प्रशासन को यह बात पता चली उन्होंने नोटिस जारी कर कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं होनी चाहिए. इससे जेएनयू का माहौल खराब हो सकता है. साथ ही छात्रों को यह चेतवानी भी दी गई कि अगर किसी ने यह डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

हालांकि, जेएनयू प्रशासन की चेतावनी के बाद भी जेएनयू में छात्रों को डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. इस दौरान जेएनयू की ओर से बिजली सप्लाई बंद कर दी गई, लेकिन छात्र मोबाइल में डॉक्यूमेंट्री देखते रहे. इस बीच भगदड़ और पत्थरबाजी भी हुई. वहीं एक छात्र को भीड़ ने 2 घंटे तक बंधक बना लिया. छात्र का आरोप है कि अगर वहां मीडिया के लोग और उसके एक सीनियर न होते उसकी जान भी जा सकती थी.

एबीवीपी ने जारी किया वीडियो: इसे लेकर एबीवीपी ने एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में गौरव नाम का छात्र बता रहा है कि मंगलवार रात में जब जेएनयू में लाइट कटी तो वह कुछ दोस्तों के साथ जेएनयू के बाहर चाय पीने गया. इस बीच उसने देखा कि वहां पहले ही भीड़ है और गेट बंद देखकर वह दोस्तों के साथ वापस लौटने लगा. तभी भगदड़ मची और छात्र इधर-उधर भागने लगे और इसी बीच उसे करीब 300 लोगों ने पकड़ कर घसीटा और उस पर तरह तरह के आरोप लगाने लगे.

इस दौरान छात्र ने कई बार कहा कि उसे दिल की बिमारी है, जिसकी वह दवा लेता है और उसे घबराहट हो रही है. लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे गेट के पास लगभग दो घंटे तक बंधक बनाए रखा. उसने कहा कि अगर वहां मीडिया के लोग न होते तो उसके साथ मॉब लिंचिंग भी हो सकती थी और इसके बाद से वह बहुत डरा हुआ है. छात्र ने बताया कि उसने जेएनयू की कुलपति, रजिस्ट्रार और जेएनयू सिक्योरिटी को मेल किया है, लेकिन उनकी तरफ से न कोई कॉल आया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है.

एबीवीपी ने जेएनयू में हुई घटना पर कहा है कि वर्तमान में भारत, जी-20 की अध्यक्षता को लेकर महत्त्वपूर्ण भूमिका में है. विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत परिवर्तनों से जनाकांक्षाओं को मूर्त रूप मिल रहा है. इस तरह की स्थिति में हाल ही में आई पक्षपातपूर्ण, भारत के शीर्ष नेतृत्व पर आधारहीन आरोपों से युक्त बीबीसी डाक्यूमेंट्री, औपनिवेशिक तथा आधारहीन झूठे पुलिंदों का प्रतीक मात्र है. इस डॉक्यूमेंट्री के संदर्भ में कुछ विपक्षी दलों के नेता तथा तथाकथित बुद्धिजीवी, भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित कर निम्नस्तरीय व्यवहार के प्रयासों में संलिप्त हो रहे हैं जो कि निंदनीय है.

भारतीय न्याय व्यवस्था ने गुजरात दंगों के विषय पर स्पष्ट निर्णय दिया है तथा लोकतांत्रिक ढंग से, जिसपर तथ्याधारित विचारों ने स्थिति को पूर्णतया स्पष्ट कर दिया है, उस स्थिति को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास करती है. कुछ शैक्षणिक संस्थानों में असामाजिक तथा हुड़दंगियों द्वारा अवैध ढंग से इस डॉक्यूमेंट्री को प्रस्तुत करने के असफल प्रयास हो रहे हैं. इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की तथ्यहीनता तथा प्रोपेगेंडा प्रवृत्ति के कारण ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी अस्वीकार्यता प्राप्त हुई. भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने के प्रयास, औपनिवेशिक मानसिकता के कारण उपजे हीनता बोध तथा हताशा का प्रतीक हैं.

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, 'गुजरात दंगों पर सबकुछ भारतीय न्याय व्यवस्था द्वारा साफ कर दिए जाने के बावजूद विदेशी ताकतों द्वारा भ्रमपूर्ण स्थिति बनाने तथा विदेशी मीडिया ट्रायल की कोशिशें बंद होनी चाहिए. भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में कुछेक छात्र संगठन तथा असामाजिक तत्व इस मामले में भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं. इस तरह के औपनिवेशिक पिछलग्गूपने की स्थिति पर रोक लगना बहुत आवश्यक है.'

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उधर जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने करीब 30 सेकेंड का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें वह छात्रों को संबोधित और उकसा रही हैं. वीडियो में वह कह रही हैं कि अगर एक स्क्रीन बंद करेंगे हम हजार स्क्रीन खोलेंगे और डॉक्यूमेंट्री देखेंगे. धमकी और पत्थरबाजी लोकतंत्र की भावना को नहीं तोड़ सकती. हम अपने गणतंत्र को मजबूत करेंगे.

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Last Updated :Jan 25, 2023, 12:30 PM IST
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