Waterloging Hotspot:दिल्ली सरकार ने पुल प्रह्लादपुर रेलवे अंडरपास को जलभराव वाले हॉटस्पाट की सूची से हटाया
Published: May 23, 2023, 7:55 AM


Waterloging Hotspot:दिल्ली सरकार ने पुल प्रह्लादपुर रेलवे अंडरपास को जलभराव वाले हॉटस्पाट की सूची से हटाया
Published: May 23, 2023, 7:55 AM

दिल्ली में पुल प्रह्लादपुर रेलवे अंडरपास को सरकार ने जलभराव वाले हॉटस्पाट की सूची से हटा दिया है. इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने यहां पर एक नया पंप लगाया है, जिससे यहां जलभराव होने की समस्या खत्म हो जाएगी.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दक्षिण-पूर्वी जिले में एमबी रोड पर स्थित पुल प्रह्लादपुर रेलवे अंडरपास को जलभराव वाले हॉटस्पॉट की सूची से हटा दिया है. हर बार मॉनसून में इस अंडरपास में पानी भर जाता था, जिससे ये पूरा मार्ग ठप हो जाता था. इस अंडरपास में भरे बारिश के पानी में डूबकर एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. हालांकि अब यहां पर पीडब्ल्यूडी ने नया पंप लगा दिया है, जिससे यहां बारिश के दौरान जलभराव नहीं होगा. पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली के 165 जलभराव स्थलों और पांच हॉटस्पॉट की पहचान की थी. हालांकि अब इसे हॉटस्पॉट की सूची से हटा दिया गया है.
यह था जलभराव का कारण: दरअसल मॉनसून में बारिश के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए इसे बंद करना पड़ता था. इससे लाखों लोगों को परेशानी होती थी. यह अंडरपास दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी दिल्ली को कनेक्ट करता है. पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस अंडरपास में पिछले 20-25 सालों से जलभराव की समस्या थी, लेकिन पिछले 10-15 सालों में यह समस्या विकराल हो गई थी. इसका मुख्य कारण है खानपुर में दिल्ली जल बोर्ड का सीवेज पंपिंग स्टेशन. उन्होंने कहा कि मॉनसून के दौरान नाले का सारा सीवेज सड़कों पर बहता था, जिससे जलभराव हो जाता था.
बनाया गया स्थायी पंप हाउस: एक अधिकारी के अनुसार, अंडरपास में जलभराव न हो इसके लिए 7.5 लाख-लीटर क्षमता के साथ एक विशाल पंप का निर्माण किया गया है. इसके अलावा एक अलग पाइपलाइन भी बिछाई गई है, ताकि वर्षा के पानी को पास के दिल्ली नगर निगम के नाले में बहाया जा सके. जल निकासी और अंडरपास को साफ करने के लिए 100 हार्सपावर की क्षमता वाली छह मोटरों वाला एक स्थायी पंप हाउस बनाया गया है. भविष्य में इसके विस्तार की जरूरत पड़ने पर इस तरह के दो पंप और लगाए जा सकते हैं. फिलहाल विभाग ने दो पंपों को दो फीट के पाइप से जोड़ दिया है. वहीं सीवेज में मौजूद पालिथीन और अन्य ठोस अपशिष्ट पदार्थ पाइपों को ब्लॉक न करें, इसके लिए पंपों में स्वचालित स्क्रीन लगाई गई है जो पानी से अपशिष्ट पदार्थों को छानती हैं. साथ ही गाद न एकत्र हो इसके लिए भी जेटिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पंप पिछले साल हुई मॉनसून की पहली वर्षा के दौरान चालू नहीं किए गए थे जिस कारण हादसा हुआ था.
साकेत के मेनहोल भी किए गए शिफ्ट: साकेत से बदरपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक जाने वाली सीवर लाइन इस अंडरपास के नीचे से गुजरती है. अंडरपास के दोनों ओर सीवर लाइन के दो मेनहोल थे. बारिश के दौरान व बारिश बंद हो जाने के बाद भी दो-तीन दिनों तक ये मेनहोल ओवरफ्लो होते रहते थे, जिनसे अंडरपास में लगातार पानी आता रहता था. अब इस मेनहोल को शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं अंडरपास के एक ओर सोनिया गांधी कैंप व दूसरी ओर आरजेडए कालोनी है. ये दोनों काफी उंचाई पर हैं. बारिश के दौरान इनके नाले-नालियों का पानी भी ओवरफ्लो होकर अंडरपास में गिरता था.
