Delhi Air Quality: 24 घंटे में 'बेहद खराब श्रेणी' में पहुंची दिल्ली की हवा, AQI 400 के पार

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Published : Jan 22, 2023, 10:59 AM IST

ncr news hindi

दिल्ली और एनसीआर में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट होने के बाद बढ़ोतरी हो गई. वहीं, दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका द्वारका सेक्टर 8 में दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 451 के स्तर पर पहुंच गया, जो एक्यूआई खराब कैटेगरी में ही बरकरार है.

नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शनिवार की तुलना में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में भारी इजाफा देखने को मिला है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार दर्ज किया गया है. जोकि डार्क रेड जोन में है. वही बात अगर गाजियाबाद और नोएडा की करें तो शहरों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बरकरार है. प्रदूषण में हुए इजाफे के बाद लोगों को स्वास्थय संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर408
शादीपुर425
डीटीयू दिल्ली419
आईटीओ दिल्ली434
सिरी फोर्ट401
मंदिर मार्ग00
आरके पुरम 430
पंजाबी बाग440
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम404
नेहरू नगर435
द्वारका सेक्टर 8451
पटपड़गंज409
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज400
अशोक विहार413
सोनिया विहार401
जहांगीरपुरी 438
रोहिणी438
विवेक विहार414
नजफगढ़344
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम404
नरेला422
ओखला फेस टू 406
बवाना405
श्री औरबिंदो मार्ग398
आनंद विहार424
IHBAS दिलशाद गार्डन287

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा362
इंदिरापुरम276
संजय नगर318
लोनी264

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर-

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62368
सेक्टर 125341
सेक्टर 1336
सेक्टर 116345

Air quality Index की श्रेणी:- एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:- वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा:- डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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