नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी बंगले में रिनोवेशन के नाम पर करीब 45 करोड़ खर्च होने के मामले में उपराज्यपाल ने संज्ञान लिया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रधान सचिव ने इस बाबत विस्तृत ब्यौरा संबंधित विभाग से मांगा है. उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से 15 दिनों में पूरी रिपोर्ट देने को कहा है.
उपराज्यपाल ने इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर सरकारी बंगले में हुए रिनोवेशन के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पीएम आवास के रिनोवेशन मद्देनजर जो भी दस्तावेज है, उसे सुरक्षित रखने को कहा गया है. पिछले दिनों सीएम के सरकारी बंगले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. बंगले में सौंदर्यीकरण के नाम पर दो या पांच नहीं, बल्कि 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया है.
दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह सौंदर्यीकरण नहीं था. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया घर बनाया गया और वहां उनका कैंप ऑफिस भी है. खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये हुए हैं. लोक निर्माण विभाग ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट दी थी. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के अनुसार निर्माण पर 43.70 करोड़ की स्वीकृति राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में के 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर केजरीवाल के सरकारी आवास पर खर्च हुए हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर करोड़ों खर्च और जो दस्तावेज सामने आए हैं. उसको लेकर दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल का कहना है कि जो बात कही जा रही है इसकी जांच कराई जाए, तो तस्वीर कुछ और सामने आएगी. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जिस घर में रहते हैं उसे 70-80 साल पुराना बताया जा रहा है, जबकि ऐसा है ही नहीं. उमेश सहगल का कहना है कि उन्हें जहां तक जानकारी है 1970 के आसपास इस घर का निर्माण हुआ था और यह घर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को रहने के लिए बनाया गया था. जांच इसकी भी हो कि लोक निर्माण विभाग कह रहा है कि पूरी बिल्डिंग को तोड़कर बनाया गया है. उस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहां रहते थे, नई इमारत बनाने में लंबा समय लगा होगा और जितने क्षेत्रफल में यह बंगला है उसमें 45 करोड़ ही नहीं कहीं अधिक पैसे खर्च हुए होंगे.