Delhi Riots: हवलदार रतनलाल की हत्या के आरोपियों को क्यों मिली जमानत

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Published : Sep 6, 2021, 5:09 PM IST

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दिल्ली दंगों के दौरान हुई हवलदार रतनलाल की हत्या मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. आखिर उन्हें पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद भी जमानत मिल गई. इस बात की जानकारी दी, आरोपियों के वकील दिनेश तिवारी ने...

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान हुई हवलदार रतनलाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हाल ही में इनमें से चार आरोपियों को हाईकोर्ट ने ज़मानत दी है. 16 माह तक जेल में रहने के बाद यह शख्स बाहर निकल रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने इन्हें आखिर क्यों इस मामले में गिरफ्तार किया था. यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इनमें से एक के पास से लूटा गया मोबाइल बरामद हुआ था, जबकि एक युवक घर के बाहर डंडा लेकर पहरेदारी कर रहा था.

अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि हाई कोर्ट ने जिन चार आरोपियों को हवलदार रतनलाल हत्याकांड में जमानत दी है, इनमें से दो आरोपियों का केस वह लड़ रहे हैं. उनका आरोप है कि क्राइम ब्रांच ने इस हत्याकांड में दोनों को ही गलत तरीके से फंसाया है. इस बात को वह सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष साबित करेंगे. लेकिन उनकी प्राथमिकता इन दोनों को जेल से बाहर निकालना था क्योंकि वह 16 महीने से जेल में बंद हैं. हाई कोर्ट में उन्होंने अपने दोनों क्लाइंट को लेकर जो दलील दी, उसे मानते हुए इन दोनों को जमानत दी गई है. हालांकि केस का ट्रायल चलता रहेगा.

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दिनेश तिवारी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने स्वालिन को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया था. उसके पास से हत्याकांड के समय एक इंस्पेक्टर से लूटा गया मोबाइल बरामद दिखाया गया है. वास्तव में यह मोबाइल किसी अन्य शख्स से बरामद हुआ था. उसने बताया कि यह मोबाइल उसे स्वालिन ने दिया है. इस खुलासे के बाद उसे छोड़ दिया गया और स्वालिन को गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि घटना वाले दिन स्वालिन की लोकेशन को लेकर क्राइम ब्रांच ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. मौके के आसपास के किसी भी CCTV फुटेज में वह नहीं दिख रहा है. अगर उसके पास से मोबाइल बरामद होने की बात मान भी ली जाए तो उसके खिलाफ केवल आईपीसी की धारा 411 के तहत कार्यवाही होनी चाहिए, हत्या में नहीं. हाई कोर्ट ने ज़मानत देते हुए कहा है कि सभी साक्ष्य ट्रायल कोर्ट के सामने रखे जाएंगे जो इस पर फैसला लेगी.


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अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि उनके दूसरे क्लाइंट फुरकान को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है, जो चांद बाग इलाके का रहने वाला है. क्राइम ब्रांच ने आरोपपत्र में कहा है कि फुरकान की मोबाइल लोकेशन घटनास्थल के पास है. इसके अलावा एक सीसीटीवी फुटेज में वह हाथ में डंडा लिए दिख रहा है. उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि मौके से महज 300 मीटर की दूरी पर फुरकान का घर है, इसलिए उसकी लोकेशन चांद बाग में दिख रही है.

जिस सीसीटीवी फुटेज में उसे डंडे के साथ खड़ा बताया गया है, वह उसके घर के बाहर का है. वह केवल अपने परिवार की सुरक्षा के लिए डंडा लेकर घर के बाहर खड़ा था. मौके के किसी भी सीसीटीवी फुटेज में वह नहीं है. यहां तक कि वह अपने घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में बाहर जाते हुए भी नहीं दिख रहा है. वहीं क्राइम ब्रांच का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों के खुलासे पर फुरकान की गिरफ्तारी हुई थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे ज़मानत दे दी है.

अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि इस मामले में क्राइम ब्रांच ने आधा दर्जन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है. आरोपपत्र में पुलिस ने बताया है कि घटना के समय मौके पर महिलाएं बुर्क़ा पहने हुई थी. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्राइम ब्रांच ने बुर्के में मौजूद महिलाओं की पहचान कैसे कर ली. इस मामले में सुनवाई के दौरान क्राइम ब्रांच एक बार फिर सवालों के घेरे में आएगी. फिलहाल यह मामला ट्रायल में है और इसमें चार पूरक आरोपपत्र भी क्राइम ब्रांच दाखिल कर चुकी है.

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