गाजियाबाद में 3003 जोड़ों का हुआ सामूहिक विवाह, श्रम मंत्री बोले- न कोई दहेज और न ही कोई लेन-देन

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Published : Nov 24, 2022, 8:17 PM IST

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गाजियाबाद के कमला नेहरू पार्क में गुरुवार को गाजियाबाद, हापुड़ एवं बुलंदशहर के 3003 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह (Mass marriage of 3003 couples in Ghaziabad) संपन्न हुआ. सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

नई दिल्लीः समाज में सर्वधर्म-समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है. योजना के तहत विभिन्न समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है. दरअसल, प्रदेश सरकार का मकसद है कि शादी के उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन और खर्चे को समाप्त कर गरीब परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना.

इसी कड़ी में गुरुवार को गाजियाबाद के कमला नेहरू पार्क में गाजियाबाद, हापुड़ एवं बुलंदशहर के 3003 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह (Mass marriage of 3003 couples in Ghaziabad) संपन्न हुआ. सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिन्होंने नवविवाहित वर-वधुओं को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

गाजियाबाद में 3003 जोड़ों का हुआ सामूहिक विवाह

गाजियाबाद के 1654 जोड़ें, हापुड़ के 794 जोड़ें और बुलंदशहर के 555 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें 1850 हिंदू समुदाय, 1147 मुस्लिम समुदाय, 3 बौद्ध समुदाय और 3 सिख समुदाय के नवविवाहित वर-वधू की शादी संपन्न हुई. मीडिया से बातचीत के दौरान श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि गरीब कल्याण के प्रति केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन गरीब तबके के लोगों के लिए किया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है.

श्रम मंत्री राजभर ने कहा कि संसार में कन्यादान सबसे बड़ा एवं पवित्र दान माना गया है. उन्होंने कहा कि जिसने गरीब की पीड़ा को सही से देखा है, वही उनके सुख-दुख में उनके साथ रह पाएगा. श्रमिकों को शासन की योजनाओं से जोड़ा गया ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद तक सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक पहुंचाया जा सके.

उन्होंने सामूहिक विवाह की महत्वता बताते हुए कहा कि इस तरह के समारोह में न कोई दहेज और न ही कोई अन्य आर्थिक लेन-देन की प्रक्रिया होती है. साथ ही समाज में व्याप्त रूढ़ीवादी परंपराओं पर सामूहिक विवाह अंकुश लगाने में कारगर सिद्ध हुआ है. जहां एक ही छत के नीचे सर्वधर्म व संप्रदाय के विवाह संपन्न कराए जाते हैं जिससे समाज में समरसता का भाव फैलता है.

उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह समारोह केवल एक योजना है. इसके अलावा श्रम विभाग की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनसे श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा है. श्रम विभाग द्वारा इतने बड़े स्तर पर 3003 जोड़ों का सामूहिक विवाह इस बात का प्रतीक है कि सरकार जरूरतमंदों के लिए काम कर रही है. प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ग के व्यक्ति का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जनरल वीके सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना बहुत महत्वपूर्ण योजना है. इसी कार्यक्रम के अंतर्गत गाजियाबाद में 3003 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया. सामूहिक विवाह योजना में जो भी खर्चा होता है वह श्रम विभाग द्वारा वहन किया गया है, जिसके अंतर्गत ₹10000 विवाहित जोड़ों के पोशाक के लिए और ₹65000 सीधे विवाहित जोड़ों के खाते में जाते हैं, जिससे वह अपनी जरूरत के हिसाब से विवाह के लिए सामान खरीद सकें.

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