नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा थाना क्षेत्र में मीट खरीदने के दौरान गोली लगने से हुई शहबाज आलम की मौत के मामले में पुलिस ने दो बदमाशाें को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में खुलासा हुआ कि शहबाज आलम की मौत निशाने में चूक की वजह से हुई थी. किसी और की हत्या के इरादे से गोली चलाई गयी थी. डीसीपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान गोंडा निवासी 28 वर्षीय साहिल और यूपी के लोनी निवासी 26 वर्षीय सैफ के तौर पर हुई है. दोनों आरोपी चचेरे भाई हैं.
पुलिस ने बताया कि मंगलवार तकरीबन 3:00 बजे शहबाज आलम भजनपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सुभाष मोहल्ला में जामा मस्जिद के पास दुकान से मीट खरीद रहा था. इसी दौरान उसे गोली लग गई. आसपास मौजूद लोगों ने उसे जीटीबी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई. आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल आ गया, तो पता चला कि इस पूरे हत्याकांड को साहिल और उसके चचेरे भाई ने अंजाम दिया है. गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को लोनी बॉर्डर के पास से साहिल और सैफ को गिरफ्तार कर लिया गया.
शुरुआत में, उन्होंने पुलिस टीम को धोखा देने की कोशिश की. लेकिन लगातार पूछताछ पर उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. बताया कि किसी और पर गोली चलाई थी, लेकिन गलती से सामने खड़े शहबाज को लग गई. इसके अलावा अपने कबूलनामे में साहिल ने खुलासा किया कि वह पास के इलाके में गहने बनाने वाले एक कारखाने में काम करता था. फिटनेस के लिए जिम जाता था. पिछले हफ्ते जिम में एक युवक के साथ कहासुनी हो गई थी. इसे सुलझाने के लिए उसने अपने चचेरे भाई सैफ अली को बुलाया और अमन को सबक सिखाने की साजिश रची.
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साजिश को अंजाम देने के लिए उस युवक को मामले को सुलझाने के लिए बुलाया. उसे गली नंबर 10 पर ले गया जहां पिस्तौल से लैस उसका चचेरा भाई सैफ भी पास में ही छिपा था. कुछ बहस के बाद उन्होंने अपने चचेरे भाई को बुलाया और गोली मारने के कहा. सैफ अली ने गोली चलाई लेकिन गोली शहबाज़ को लगी. खून देखकर वे घबरा गए और मौके से फरार हो गए. इनकी निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल की गयी देसी पिस्टल बरामद कर ली गयी है. सैफ के खिलाफ पहले से तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें दो डकैती और एक हत्या के प्रयास का मामला है.